बाजार में भूचाल लाने वाले MAT की पूरी जानकारी

पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार गिरावट के बीच MAT यानी मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स विवादों में केंद्र में आ गया। दरअसल, सरकार ने भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश पर MAT लगा दिया था, जिससे गोरे निवेशक खासे नाराज हो गए और भारतीय बाजार से अपने पैसे निकालकर दूसरे आकर्षक बाजार में लगाने लगे।
लेकिन अब सरकार ने भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश पर MAT के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी का गठन कर दिया है। बाजार ने आज इसका शानदार ने भी स्वागत किया।

MAT पर पूरी जानकारी:
 MAT: Minimum Alternate Tax
           : मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स
1- MAT 1988-89 में जीरो टैक्स कंपनी की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए लागू किया गया था। भारतीय बाजार से कमाई करने वाले FIIs के मुनाफे पर 20% MAT लगता है।
2. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने FIIs को होने वाले कैपिटल गेंस पर MAT चुकाने से छूट देने की घोषणा की थी। लेकिन, जल्द ही आयकर विभाग द्वारा कम से कम 90 FPIs यानी फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स को MAT चुकाने को  लेकर नोटिस भेजे जाने पर विदेशी निवशक  खफा हो गए। हालांकि ऐसे निवेशकों की संख्या 6,000 तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।  जिन 90 FPIs को  नोटिस भेजा गया है, उनसे 600 करोड़ रुपए से ज्यादा टैक्स वसूल किया जाना है। इस दौरान कुछ  FPIs को डबल टैक्सेशन ट्रिटी के तहत राहत मिलने की उम्मीद है।
3-उधर, UK और  USA के FPIs ने आयकर विभाग के टैक्स नोटिस के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती
भी दी है। आयकर विभाग ने लक्जमबर्ग स्थिर FPI Aberdeen के खिलाफ भी 50 हजार डॉलर टैक्स भुगतान का नोटिस जारी किया है. जिस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
4. MAT पर अनिश्चितता को लेकर मई के पहले हफ्ते में सेंसेक्स में भारी गिरावट देखी गई।
5- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विदेशी निवेशकों को बहुत आसान इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म, जो कि MAT की जगह लेगा, लाने का आश्वासन दिया है। वित्त मंत्री के MAT पर उच्च स्तरीय कमिटी गठन करने के फैसले से बाजार में भी रौनक देखी गई।

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