'आगे बाजार की नजर फेड के फैसले, बिहार चुनाव पर'

पिछले कुछ दिनों से FPI यानी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारी बिकवाली, चीन की इकोनॉमी को लेकर चिंता बाजार के लिए उथल-पुथल के मुख्य कारण बने हुए हैं  लेकिन आने वाले कुछ हफ्तों तक बाजार की चाल फेड द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के फैसले, बिहार का चुनाव और सितंबर तिमाही के कंपनियों के नतीजे से तय होगी। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस दिग्गज BoA-ML यानी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।
बैंक का कहना है कि अगर बाजार पर फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी की संभावना का असर हो चुका है तो रिजर्व बैंक 29 सितंबर की द्विमासिक पॉलिसी बैठक में प्रमुख दरों में चौथाई परसेंट की कटौती कर सकता है। बैंक ने साथ ही ये भी कहा है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी से वहां की इकोनॉमी में
रिकवरी के संकेत मिलेंगे जो कि भारत के लिए पॉजीटिव होगा।

बैंक ने इसके अलावा बाजार की चाल के लिए सितंबर तिमाही की कॉर्पोरेट अर्निंग्स को अहम बताया है। इससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के इक्विटी फ्लो पर असर पड़ेगा। सितंबर तिमाही के नतीजे अच्छे आने की उम्मीद भी बैंक ने जताई है।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने साथ ही ये भी कहा है कि बाजार की आगे की चाल बिहार चुनाव से भी तय होगी। अगर एनडीए की जीत होती है तो मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों को बल मिलने की उम्मीद बढ़ेगी, जाहिर है जिसे बाजार भी पसंद करेगा।

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