प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई कैबिनेट की बैठक में गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम की मंजूरी दे दी गई। इसके तहत लोग अपना सोना एक निर्धारित एजेंसी में जमा कर
सकेंगे, जिसके लिए उनको एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। जमा सोना पर ब्याज भी मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे भारतीय रिजर्व बैंक के स्वर्ण भंडार में होने वाली कमी की भरपाई होगी।
इसके अलावा, देश के एक्सपोर्ट में महत्वपूर्ण हिस्सा लेने वाला जेम्स और जुलरी सेक्टर को इस स्कीम से फायदा होगा। पिछले वित्त वर्ष में कुल एक्सपोर्ट में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 12% थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुकाबिक, देश में लोगों और संस्थानों के पास करीब 22,000-33.000 टन सोना पड़ा हुआ है। देश में हर साल करीब 850-1,000 टन सोना आयात करना पड़ता है, जिस पर 35-45 अरब डॉलर खर्च होता है।
स्कीम का लक्ष्य:
-घरों और संस्थानों में पड़े सोने का प्रोडक्टिव इस्तेमाल
-सोने के इंपोर्ट पर से निर्भरता कम करना
-जेम्स-जुलरी सेक्टर को आसानी से सोना मुहैया कराना
-इंपोर्टेड सोने पर से रिजर्व बैंक की निर्भरता खत्म करना
-विदेशी मुद्रा की बचत करना
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत टैक्स छूट मिलेगी, लेकिन इसको सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेश्यो (नगदी आरक्षित अनुपात) का हिस्सा नहीं बनाया गया है। आम आदमी से लेकर मंदिर, ट्रस्ट और बड़े बिजनेसमैन गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। स्कीम के तहत गोल्ड जमा करने पर 2.5 % की दर से ब्याज मिलेगा। गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत ब्याज दर समय-समय पर वित्त मंत्रालय और आरबीआई मिलकर तय करेंगे। इस स्कीम के तहत सोने की ईंट, सोने का बार और सोने के सिक्के जमा करने की छूट होगी।इसके तहत कम से कम 30 ग्राम सोना जमा करने का प्रस्ताव है।
गोल्ड सेविंग्स अकाउंट (Gold Savings Account):
जरूरी दस्तावेज जमा कर कोई भी ग्राहक किसी भी समय गोल्ड सेविंग्स अकाउंट खोल सकता है। अकाउंट में सोने का बैलेंस ग्राम में दिया रहेगा। ध्यान रखें बैंक आपके सोने की पूरी जांच के बाद ही लेगा।
अवधि: इस स्कीम के तहत सोना शॉर्ट टर्म में 1-3 साल के लिए, मीडियम टर्म 5-7 साल और लॉन्ग टर्म 12-15 साल के लिए जमा लिया जाएगा। फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह लॉक-इन पीरियड तोड़कर आप अपना सोना ले सकते हैं लेकिन प्रीमैच्योर निकासी पर जुर्माना देना पड़ सकता है।
((गोल्ड डिपॉजिट स्कीम: ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/07/gds.html
सकेंगे, जिसके लिए उनको एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा। जमा सोना पर ब्याज भी मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे भारतीय रिजर्व बैंक के स्वर्ण भंडार में होने वाली कमी की भरपाई होगी।
इसके अलावा, देश के एक्सपोर्ट में महत्वपूर्ण हिस्सा लेने वाला जेम्स और जुलरी सेक्टर को इस स्कीम से फायदा होगा। पिछले वित्त वर्ष में कुल एक्सपोर्ट में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 12% थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुकाबिक, देश में लोगों और संस्थानों के पास करीब 22,000-33.000 टन सोना पड़ा हुआ है। देश में हर साल करीब 850-1,000 टन सोना आयात करना पड़ता है, जिस पर 35-45 अरब डॉलर खर्च होता है।
स्कीम का लक्ष्य:
-घरों और संस्थानों में पड़े सोने का प्रोडक्टिव इस्तेमाल
-सोने के इंपोर्ट पर से निर्भरता कम करना
-जेम्स-जुलरी सेक्टर को आसानी से सोना मुहैया कराना
-इंपोर्टेड सोने पर से रिजर्व बैंक की निर्भरता खत्म करना
-विदेशी मुद्रा की बचत करना
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत टैक्स छूट मिलेगी, लेकिन इसको सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेश्यो (नगदी आरक्षित अनुपात) का हिस्सा नहीं बनाया गया है। आम आदमी से लेकर मंदिर, ट्रस्ट और बड़े बिजनेसमैन गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। स्कीम के तहत गोल्ड जमा करने पर 2.5 % की दर से ब्याज मिलेगा। गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत ब्याज दर समय-समय पर वित्त मंत्रालय और आरबीआई मिलकर तय करेंगे। इस स्कीम के तहत सोने की ईंट, सोने का बार और सोने के सिक्के जमा करने की छूट होगी।इसके तहत कम से कम 30 ग्राम सोना जमा करने का प्रस्ताव है।
गोल्ड सेविंग्स अकाउंट (Gold Savings Account):
जरूरी दस्तावेज जमा कर कोई भी ग्राहक किसी भी समय गोल्ड सेविंग्स अकाउंट खोल सकता है। अकाउंट में सोने का बैलेंस ग्राम में दिया रहेगा। ध्यान रखें बैंक आपके सोने की पूरी जांच के बाद ही लेगा।
अवधि: इस स्कीम के तहत सोना शॉर्ट टर्म में 1-3 साल के लिए, मीडियम टर्म 5-7 साल और लॉन्ग टर्म 12-15 साल के लिए जमा लिया जाएगा। फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह लॉक-इन पीरियड तोड़कर आप अपना सोना ले सकते हैं लेकिन प्रीमैच्योर निकासी पर जुर्माना देना पड़ सकता है।
((गोल्ड डिपॉजिट स्कीम: ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/07/gds.html
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