MAT से जुड़े विवाद खत्म करने के लिए IT कानून में संशोधन होगा


सरकार ने MAT से जुड़े विवाद को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की है। सरकार इसके लिए आयकर कानून 1961 में संशोधन करेगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि 01-04-2001 से निम्नलिखित कंपनियों पर धारा 115 JB के प्रावधान लागू नहीं होंगे...

-किसी देश की निवासी विदेशी कंपनी, जिसने भारत के साथ DTAA किया हुआ है और DTAA डीटीएए के नियमों के अंतर्गत जिन विदेशी कंपनियों के पास स्थायी प्रतिष्ठान नहीं है, अथवा

-कोई विदेशी कंपनी, जो किसी देश की निवासी कंपनी है, मगर उसके पास भारत के साथ DTAA नहीं है और वे कंपनियां जिन्हें कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 592 और कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 380 के तहत पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है

इस संबंध में आयकर अधिनियम में उपयुक्त संशोधन किया जाएगा। इससे पहले, भारत में स्थायी प्रतिष्ठान न रखने वाली विदेशी कंपनियों के कर संबंधी मसले सरकार के पास विचाराधीन हैं। सरकार FPI/FII के लिए मैट (MAT) के प्रावधानों को लागू न किए जाने के संबंध में पहले ही स्पष्टीकरण दे चुकी है।

ऐसे में अब सरकार, भारत में व्यावसाय का स्थान/स्थायी प्रतिष्ठान न रखने वाली विदेशी कंपनियों के लिए आयकर की धारा 115 JB के अंतर्गत मैट (MAT) के प्रावधानों को लागू करने संबंधी मुद्दों पर विचार कर चुकी है।

((MAT के संबंध में FII/FPI पर कार्रवाई ना हो:  सरकार 
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/09/mat-fiifpi.html

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