खतरे में आपका बटुआ, कैसे बचायेंगे ?

प्लास्टिक मनी का जमाना है…लगातार बदलते तकनीक युग में पैसों के लेन-देन की सुविधाओं मसलन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इंटरनेट  बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग के बिना जिंदगी की कल्पना करना मुश्किल है…लेकिन जैसे-जैसे हम हम इस मामले में हाई-टेक हो रहे हैं, हमारा बटुआ उतना ही असुरक्षित होता जा रहा है।

रोज-रोज हमें क्रेडिट कार्ड फ्राड, ऑनलाइन फ्राड, ई-फ्राड की खबरें पढ़ने-सुनने को मिल जाती है।  कोई ऑनलाइन लुटेरा आपको अगला शिकार बनाए, इससे पहले क्यों ना, आप कुछ ऐसा उपाय कर लें ताकि आपका बटुआ किसी खतरें में ना पड़े। इसके लिए आप….

1-मॉल, स्टोर, होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप, डिपार्टमेंटल स्टोर या किसी दूसरी जगहों पर कार्ड का इस्तेमाल करते समय उस पर नजर रखें। जब भी आप अपने कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, हैकर्स उसी समय आपके कार्ड का डाटा चुराते हैं और इन डाटा का इस्तेमाल कर फर्जी कार्ड तैयार करते हैं। इसके बाद शुरू होता है आपको कंगाल बनाने का खेल।

2-साइबर कैफे या शेयर्ड कम्प्यूटर यानी जिसका इस्तेमाल आपके अलावा कई दूसरे लोग भी करते हैं, उन कम्प्यूटरों पर क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल न करे।

3-विदेशी वेबसाईट्स पर क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल काफी जोखिमभरा है।

4- क्रेडिट कार्ड के पीछे में दिए गए तीन अंकों वाले सीवीवी नंबर को मिटा दें। साथ ही कार्ड पर अपना हस्ताक्षर जरूर करें।

5- वैसे ई-मेल से बचना चाहिए जिसमें आपको क्रेडिट कार्ड की जानकारी अपडेट करने की सलाह दी गई हो।

 6- बैंक की वेबसाईट के लॉगिन पेज पर SSL (Secure Socket Layer)/https सिक्योरिटी की जरूर जांच कर लें। इससे पता चल पाएगा कि वेबसाईट फर्जी है या असली। ‘http’ से पता चलता है कि वेबसाईट सुरक्षित है।

7-किसी भी शख्स यहां तक की वो आपके बैंक का कर्मचारी ही क्यों न हो, क्रेडिट कार्ड के डिटेल्स मसलन नंबर, सीवीवी नंबर, पासवर्ड नंबर मत शेयर करें।

8-किसी भी दूसरे शख्स को, चाहे वो आपके जान-पहचान का ही क्यों न हो, कार्ड स्वाइप करने के लिए मत दें।

9-क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड हमेशा बदलते रहें।

10-आप जब भी किसी को अपने दस्तावेज मसलन, आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ का फोटोकॉपी देते हैं तो  उसे सेल्फ अटेस्टेड करने के साथ-साथ उस पर ये भी लिख दें कि उसे किसे उद्देश्य के लिए दिया गया।

11-इसके अलावा अपने बैंक को दिए अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस को अपडेट करते रहे ताकि आपको समय पर कार्ड से जुड़ी सही जानकारी और लेन-देन संबंधित संदेश मिलता रहे।


कैसे चुराए जाते हैं  क्रेडिट कार्ड के डाटा…

1- Skimmer Machine के जरिए क्रेडिट कार्ड के गुप्त डाटा चुराए जाते हैं..

2- Swipe Machine  के Card Slot  पर Skimming Device फिट किए जाते हैं और स्वाइप किए कार्ड के Magnetic Strip से सारी गुप्त जानकारियों की चोरी-चोरी कॉपी कर ली जाती है। यह डिवाइस कार्ड के पीछे तीन अंकों वाली सीवीवी नंबर को भी याद रखता है।

3-Skimming Device पॉकेट के आकार का स्कैनर होता है जो कि कार्ड रीडर के साथ जुड़ा रहता है। जब भी कोई ग्राहक Swipe Machine पर अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड स्वाइप करता है,  Skimming Device झट से उन कार्डों की गुप्त जानकारियों को कॉपी कर लेता है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड से फ्राड करने के लिए पूरी दुनिया में इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

4- अब इन जानकारियों को फर्जी कार्ड में लोड किया जाता है जो कि मूल कार्ड से चुराए गए सीरियल नंबर के बने होते हैं।

5- मॉल, स्टोर, होटल, रेस्टोरेंट या किसी दूसरे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्ड का इस्तेमाल करते समय सावधान रहें क्योंकि इन जगहों पर ही आपके कार्ड की गुप्त जानकारियों को कॉपी किया जा सकता है।

भगवान न करे, आप इन लुटेरों का शिकार बने, लेकिन अगर आपके साथ कभी ऐसा होता है तो सबसे पहले अपने कार्ड को ब्लॉक करवा दें। इसके लिए आपके पास आपके बैंक का कस्टमर केयर नंबर जरूर होना चाहिए। साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज करवाना न भूलें।

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