आर्थिक संकट से गुजर रही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी जापान ने ग्रोथ को पटरी पर लाने, निवेश और महंगाई दर बढ़ाने, आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए तमाम उपायों के बाद अब नया कदम उठाया है। जापान का केंद्रीय बैंक बैंक ऑफ जापान ने पहली बार निगेटिव इंटरेस्ट रेट पॉलिसी अपनाई है जिसके तहत बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट (-)0.1% कर दिया है। यानी ब्याज दर को शून्य से नीचे कर दिया गया है। नई दरें 15 फरवरी से लागू होंगी।
निगेटिव इंटरेस्ट रेट क्यों-
जापान सरकार का लक्ष्य महंगाई दर को 2% पर लाना है। इस पहल के साथ अब लोग पैसा जमा करने की बजाय निवेश करने में रुचि लेंगे। पिछले साल दिसंबर में सालाना आधार पर जापान की कंज्युमर महंगाई दर महज 0.1% दर्ज की। जापान में 1990 के दशक से ही कमोबेश डिफ्लेशन (कीमतों में गिरावट) का दौर जारी है।
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में जारी, अंतरराष्ट्रीय ग्रोथ में कमी, एक्सपोर्ट में कमी, चीन के आर्थिक विकास में कमी जैसे कई कारण हैं जिसने जापान को निगेटिव इंटरेस्ट रेट अपनाने को मजबूर किया है। चीन द्वारा मुद्रा येन का अवमूल्यन और बेंचमार्क ब्याज दर में कमी भी बैंक ऑफ जापान के इस कदम की वजह मानी जा रही है।
निगेटिव इंटरेस्ट के मायने-
निगेटिव इंटरेस्ट रेट का मतलब है प्राइवेट बैंक जमा धन पर इंटरेस्ट रेट देने के बजाय वसूल करेंगे। जिन्होंने बैंक में अपने धन को जमा किया है उन जमाकर्ताओं को इसके लिए नियमित रूप से भुगतान करना पड़ेगा। यानी इसका सीधा मतलब हुआ कि बैंक में पैसे रखने पर ब्याज मिलता है लेकिन अब बैंक में पैसे रखने पर 0.1% का ब्याज लगेगा।
-जापान के बैंक में पैसा जमा करने पर 0.1% का ब्याज चुकाना होगा
-लोग पैसा जमा करने की बजाय निवेश करने या फिर खर्च करने को तरजीह देंगे
-जापान के बैंक निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाने को मजबूर होंगे
-वाणिज्यिक बैंकों को बैंक ऑफ जापान में पैसा रखना महंगा पड़ेगा
-बैंक इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए कर्ज देने की गति बढ़ाएंगे
-बैंक कंपनियों को ज्यादा पैसे दे सकेंगे, ताकि कंपनियां विस्तार करे और लोगों की बहाली करे
-महंगाई बढ़ाने और गिरती कीमत को थामने के लिए मांग में बढ़ोतरी की संभावना
किन देशों में निगेटिव इंटरेस्ट रेट-
जापान से पहले कई यूरोपीय देशों में पहले से निगेटिव इंटरेस्ट रेट पॉलिसी मौजूद है। डेनमार्क का बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट (-)0.65% है, स्वीट्जरलैंड में (-)0.75% है जबकि स्वीडन में (-)1.1% है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) अपने यहां जमा राशि पर (-)0.3% का ब्याज देता है।
कहना मुश्किल है कि जापान के इस नए कदम से ग्रोथ रफ्तार पकड़ेगी या नहीं लेकिन बैंक ऑफ जापान ने कहा है कि अगर आगे भी जरूरत पड़ी तो ब्याज दर को शून्य से और नीचे भी लाया जा सकता है।
निगेटिव इंटरेस्ट रेट क्यों-
जापान सरकार का लक्ष्य महंगाई दर को 2% पर लाना है। इस पहल के साथ अब लोग पैसा जमा करने की बजाय निवेश करने में रुचि लेंगे। पिछले साल दिसंबर में सालाना आधार पर जापान की कंज्युमर महंगाई दर महज 0.1% दर्ज की। जापान में 1990 के दशक से ही कमोबेश डिफ्लेशन (कीमतों में गिरावट) का दौर जारी है।
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में जारी, अंतरराष्ट्रीय ग्रोथ में कमी, एक्सपोर्ट में कमी, चीन के आर्थिक विकास में कमी जैसे कई कारण हैं जिसने जापान को निगेटिव इंटरेस्ट रेट अपनाने को मजबूर किया है। चीन द्वारा मुद्रा येन का अवमूल्यन और बेंचमार्क ब्याज दर में कमी भी बैंक ऑफ जापान के इस कदम की वजह मानी जा रही है।
बैंक ऑफ जापान की बिल्डिंग |
निगेटिव इंटरेस्ट के मायने-
निगेटिव इंटरेस्ट रेट का मतलब है प्राइवेट बैंक जमा धन पर इंटरेस्ट रेट देने के बजाय वसूल करेंगे। जिन्होंने बैंक में अपने धन को जमा किया है उन जमाकर्ताओं को इसके लिए नियमित रूप से भुगतान करना पड़ेगा। यानी इसका सीधा मतलब हुआ कि बैंक में पैसे रखने पर ब्याज मिलता है लेकिन अब बैंक में पैसे रखने पर 0.1% का ब्याज लगेगा।
-जापान के बैंक में पैसा जमा करने पर 0.1% का ब्याज चुकाना होगा
-लोग पैसा जमा करने की बजाय निवेश करने या फिर खर्च करने को तरजीह देंगे
-जापान के बैंक निवेश बढ़ाने के लिए कदम उठाने को मजबूर होंगे
-वाणिज्यिक बैंकों को बैंक ऑफ जापान में पैसा रखना महंगा पड़ेगा
-बैंक इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए कर्ज देने की गति बढ़ाएंगे
-बैंक कंपनियों को ज्यादा पैसे दे सकेंगे, ताकि कंपनियां विस्तार करे और लोगों की बहाली करे
-महंगाई बढ़ाने और गिरती कीमत को थामने के लिए मांग में बढ़ोतरी की संभावना
किन देशों में निगेटिव इंटरेस्ट रेट-
जापान से पहले कई यूरोपीय देशों में पहले से निगेटिव इंटरेस्ट रेट पॉलिसी मौजूद है। डेनमार्क का बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट (-)0.65% है, स्वीट्जरलैंड में (-)0.75% है जबकि स्वीडन में (-)1.1% है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) अपने यहां जमा राशि पर (-)0.3% का ब्याज देता है।
कहना मुश्किल है कि जापान के इस नए कदम से ग्रोथ रफ्तार पकड़ेगी या नहीं लेकिन बैंक ऑफ जापान ने कहा है कि अगर आगे भी जरूरत पड़ी तो ब्याज दर को शून्य से और नीचे भी लाया जा सकता है।
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