आम बजट 2016-17की खास बातें: शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना महंगा, कार महंगी, किरायादारों को राहत

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि लाभांश वितरण कर (डीटीटी) समान रूप से सभी निवेशकों पर लागू होता है, चाहे उनकी आय का स्तर
 कुछ भी हो इसे करों की निष्पक्षता और प्रगामी प्रकृति को विकृत करने के रूप में देखा जाता है। उन्होंने प्रस्ताव किया कि कंपनियों द्वारा प्रदत्त लाभांश वितरण कर के अलावा प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये से अधिक लाभांश प्राप्त करने वाले प्राप्तकर्ताओं अर्थात व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों(एचयूएफ) और फर्मों को लाभांश की सकल राशि के दस प्रतिशत की दर से कर देना होगा।

-जेटली ने एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्‍यक्तियों पर अधिभार 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया। विकल्पों के मामले में प्रतिभूति लेन-देन की दर 0.017 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा।

-उन्होंने कृषि में सुधार और किसानों के कल्याण से संबंधित कार्यकलापों के वित्त पोषण के लिए सभी कर
योग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से उपकर लगाने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया।  यह उपकरण 1 जून 2016 से लागू होगा।

-देश में शहरों में प्रदूषण और यातायात की स्थिति के मद्देनजर वित्तमंत्री ने पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी की छोटी कारों पर एक प्रतिशत, कतिपय क्षमता वाली डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत और अधिक इंजन क्षमता वाले अन्‍य वाहनों और एसयूवी पर 4 प्रतिशत अवसंरचना उपकर लगाने का प्रस्ताव रखा।

-तंबाकू और तंबाकू उत्‍पादों के सेवन को हतोत्‍साहित करने के लिए  जेटली ने बीड़ी के अतिरिक्‍त अन्‍य तंबाकू उत्पादों पर उत्‍पाद शुल्‍क 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया। उन्‍होंने वित्त अधिनियम 1994 में संशोधन का प्रस्ताव किया।

-सरकार अपने विकास के एजेंडे से समझौता किए बगैर वित्‍तीय समेकन के प्रति दृढ़ है। वित्त वर्ष 2017 के लिए 3.5 प्रतिशत वित्तीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

-कृषि, किसानों के कल्याण और सिंचाई के लिए आबंटन 47,912 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के आबंटन से दो गुणा अधि‍क है।

-नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत प्रति परिवार एक लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त, वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए 30,000 हजार रूपए का अतिरिक्त टॉप अप पैकेज प्रदान किया जाएगा।

-वर्ष 2016-17 में 1 करोड़ 50 लाख बीपीएल परिवारों की महिला सदस्यों के नाम से रसोई गैस कनैक्शन उपलब्‍ध कराएं जाएगें और कुल 5 करोड़ घरों को इसके दायरे में लाने के लिए यह योजना और दो वर्ष तक जारी रहेगी।

-बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक खर्च में 2.21 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई और यह वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में 22.5 प्रतिशत अधिक है।

-उच्च शिक्षा को प्रोत्‍साहन देने के लिए 1,000 करोड़ रुपए की आरंभिक पूँजी के साथ  उच्च शिक्षा वित्तपोषण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, विश्वस्तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थानों के तौर पर उभरने के लिए 10 सार्वजनिक एवं 10 निजी संस्थाओं को समर्थ बनाया जाएगा।

-कर-अनुकूल शासन को बढ़ावा देना और कम अथवा शून्य जुर्माने सहित नई विवाद निपटारा योजना के माध्यम से मुकदमेंबाजी से होने वाली कठिनाईयों में कमी लाना। इससे वर्तमान समय में जारी कर संबंधी मुकदमों को सुगमता से सुलझाया जा सकेगा।

-5 लाख रुपए तक की आय वाले व्‍यक्तियों पर कर का बोझ कम करने की दृष्टि से धारा 87 क के अं‍तर्गत कर छूट की अधिकतम सीमा 5,000 रुपए तक बढ़ाकर और धारा 80 छछ के तहत मकान किराए के भुगतान के संबंध में कटौती की सीमा 60,000 रुपए प्रतिवर्ष करके मध्यववर्गीय करदाताओं को राहत प्रदान की गई हैं।

-नया कानून लागू करते हुए और आधार का उपयोग कर समाजिक सुरक्षा मंच का निर्माण करते हुए पात्र व्यक्तियों को प्रत्‍यक्ष रूप से वित्‍तीय और अन्य सब्सिडी लाभ प्रदान करना।

-सरकार सभी नए कर्मचारियों के लिए रोजगार के शुरूआती 3 वर्ष में 8.33 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि का अंशदान करेगी, बजट में 1000 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई।

-सरल और बाजार के अनुकूल उपाय जैसे कॉरपोरेट करों के अंतर्गत मिलने वाली कर छूट को चरणबद्ध रूप से समाप्‍त करने की योजना, छोटे उपकरों की समाप्ति।

-अनुमान पर आधारित कराधान योजना के अंतर्गत टर्नओवर सीमा को 2 करोड़ रुपए तक बढ़़ाते हुए उदयमिता को प्रोत्साहन देना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 1.8 लाख करोड़ रुपए के ऋण वितरित करने का लक्ष्य और स्टार्टअप्‍स के लिए 5 में से तीन वर्षो के लिए 100 प्रतिशत कटौती उपलब्ध कराना।

-शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए सर्वशिक्षा अभियान के तहत बड़ा आवंटन किया जाएगा।

-अनुपालन विंडो में 45 प्रतिशत कर का भुगतान कर अघोषित आय घोषित करने की योजना के माध्यम से काला धन कम करना।

-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 25,000 करोड़ रुपए की राशि के पुनर्पूंजीकरण का आबंटन करते हुए वित्तीय क्षेत्र
को मजबूती प्रदान करना, सरकार के स्वामित्व वाली साधारण बीमा कं‍पनियों को सूचीबद्ध करना और पीएसबी के समेकन के लिए योजना का प्रारूप तैयार करना।


((आम बजट: 2015-16 की खास बातें
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/03/2015-16.html


Plz Follow Me on: 

कोई टिप्पणी नहीं