चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 7.9% हुई, 5 साल में सबसे अधिक

वार्षिक राष्ट्रीय आय, 2015-16 के अनंतिम अनुमान और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), 2015-16 के त्रैमासिक अनुमान
  सांख्‍यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्‍यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्‍त वर्ष 2015-16 के लिए स्‍थिर (2011-12) मूल्‍यों और वर्तमान मूल्‍यों पर राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान एवं वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमान जारी किए हैं।

स्‍थिर (2011-12) मूल्‍यों और वर्तमान मूल्‍यों पर वित्‍त वर्ष 2015-16 के साथ-साथ वित्‍त वर्ष 2015-16 की प्रथम तिमाहीदूसरी तिमाही, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दरों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:

जीडीपी की वृ़द्धि दरें (प्रतिशत में)

स्थिर मूल्‍य
(2011-12)
वर्तमान मूल्‍य
वार्षिक 2015 -16
7.6
8.7
पहली तिमाही  2015-16 (अप्रैल-जून)
7.5
8.8
दूसरी तिमाही  2015-16 (जुलाई-सितम्‍बर)
7.6
6.4
तीसरी तिमाही 2015-16 (अक्‍टूबर-दिसम्‍बर)
7.2
9.1
चौथी तिमाही 2015-16 (जनवरी-मार्च)
7.9
10.4

वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही, दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही के लिए पहले जारी किये गये वृद्धि दरों समेत अनुमानों को इस मंत्रालय की संशोधन नीति के अनुसार संशोधित कर दिया गया है।

राष्‍ट्रीय आय2015-16 के अनंतिम अनुमान
 वित्त वर्ष 2015-16 के लिए राष्‍ट्रीय आय के अग्रिम अनुमान 8 फरवरी, 2016 को जारी किये गये थे। इन अनुमानों को अब संशोधित कर दिया गया है। जिनमें कृषि उत्‍पादन के नवीनतम अनुमानों, औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक और महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों (सेक्‍टर) जैसे कि रेलवेसड़कसंचार, बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्रों के प्रदर्शन और सरकारी व्‍यय को ध्‍यान में रखा गया है। अप्रैल-दिसम्‍बर 2015 के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र के प्रदर्शन के आरम्भिक नतीजों, जिनका उपयोग अग्रिम अनुमानों में किया गया था, को नवीनतम उपलब्‍ध सूचनाओं के आधार पर संशोधित कर दिया गया है।इन अनुमानों की प्रमुख विशेषताओं का नीचे उल्‍लेख किया गया है:
 स्‍थिर (2011-12) मूल्‍यों पर अनुमान
 सकल घरेलू उत्‍पाद
 वित्‍त वर्ष 2015-16 के लिए स्‍थिर (2011-12) मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्‍पाद के अब 113.50 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान हैजबकि इससे पहले 8 फरवरी 2016 को यह 113.51 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था। इस तरह यह वित्त वर्ष 2014-15 के लिए जीडीपी के प्रथम संशोधित अनुमानों की तुलना में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर (इससे पहले भी अनुमानित वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत ही थी) को दर्शाता है। वित्‍त वर्ष 2014-15 के लिए जीडीपी का प्रथम संशोधित अनुमान 105.52 लाख करोड़ रुपए का थाजिसे 29 जनवरी2016 को जारी किया गया था।
 बुनियादी मूल्‍यों पर सकल मूल्‍य वर्द्धित (जीवीए)
 वित्त वर्ष 2015-16 के लिए वास्‍तविक जीवीए अर्थात बुनियादी स्‍थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीवीए अब 104.27 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जबकि इससे पहले 8 फरवरी 2016 को यह 104.38 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था। यह वित्त वर्ष 2014-15 के लिए 97.27 लाख करोड़ रुपए की जीवीए के प्रथम संशोधित अनुमानों की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है (इससे पहले यह 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था)। इन अनुमानों को 29 जनवरी 2016 को जारी किया गया था।
    जिन क्षेत्रों ने 7 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज की हैउनमें वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं (10.3 प्रतिशत), विनिर्माण (9.3 प्रतिशत), व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाएं (9.0 प्रतिशत) और खनन व उत्खनन (7.4 प्रतिशत) शामिल हैं।कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन, ‘निर्माणबिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगिता सेवाओं, ‘लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 1.23.96.6 और 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
Source: pib.nic.in

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