एफएमपी (फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स) क्या है

अगर आप वैसे निवेश साधन की तलाश में हैं जिसमें जोखिम कम हो, निवेश करने पर टैक्स में छूट मिले और बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न की उम्मीद हो, तो आपके लिए एफएमपी यानी फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स एक बेहतर विकल्प है।
>एफएमपी क्या है
-क्लोज एंडेड म्युचुअल फंड स्कीम है
-इसमें एक निश्चित अवधि तक निवेश की सुविधा
-इस प्लांस के तहत जमा पैसों को फंड मैनेजर बैंक
सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपॉजिट्स (सीडी), कमर्शियल
पेपर्स (सीपी), कॉर्पोरेट बॉन्ड्स जैसे डेट सिक्योरिटीज
में लगाते हैं
((सर्टिफेकेट ऑफ डिपॉजिट्स के बारे में जानें 
-फंड मैनेजर डेट सिक्योरिटीज में लगाए पैसों को
स्कीम्स की मैच्योरिटी तक रखते हैं
-आमतौर पर डेट सिक्योरिटीज की मैच्योरिटी
एफएमपी की मैच्योरिटी से पहले या उसके
आसपास रहती है
-एफएमपी के मैच्योर होने पर मूल धन और रिटर्न
रिडिम हो जाते हैं और निवेशक के बैंक अकाउंट
में स्थानांतरित हो जाते हैं
-डेट सिक्योरिटीज इंस्ट्रूमेंट्स बैंक एफडी के जैसे ही
होते हैं।
-एफएमपी में जोखिम बैंक एफडी के मुकाबले ज्यादा
होते हैं और ये गारंटीड रिटर्न का भरोसा भी नहीं देते
हैं लेकिन आमतौर पर ये बैंक एफडी से ज्यादा रिटर्न
देते हैं

> एफएमपी में कौन कर सकता है निवेश
-जिन निवेशकों के पास कुछ अतिरिक्त पैसे हों
जिसकी किसी खास अवधि में जरूरत नहीं हो
-अगर आप टैक्स चुकाने वालों की श्रेणी में आते
हों, तो एफएमपी में तीन साल से अधिक समय
तक निवेश करने पर आपको छूट मिलेगी
-निवेशक एक बात धयान रखें कि एफएमपी
शेयर बाजार में सूचीबद्ध (लिस्ट) होते हैं, लेकिन
मैच्योरिटी से पहले इसको बेचकर बाहर निकलना
मुश्किल होता है, क्योंकि इस इंस्ट्रूमेंट में शायद
ही कोई लेन-देन होता हो
-वैस से किसी भी निवेशक के लिए एफएमपी में
निवेश करने पर मनाही नहीं है

> एफएमपी में निवेश कब करें
-एफएमपी तब ज्यादा फायदेमंद होता है जब
इकोनॉमी में ये पता करना मुश्किल हो जाता
है कि ब्याज दर नीचे जाएगी या ऊपर।
-फंड मैनेजर मैच्योरिटी तक इसमें निवेशित
रहते हैं

जानकारों के मुताबिक, अगर एफएमपी से बेहतर रिटर्न लेना हो, तो मैच्योरिटी तक निवेशित रहें।

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