रिटायरमेंट फंड बनाएं, म्युचुअल फंड की मदद से

उम्मीद है रिटायरमेंट के बाद भी आपकी जिंदगी की गाड़ी उसी तरह चलती रहे, जैसा कि नौकरी के दौरान चल रही है, इसके लिए आप मुकम्मल इंतजाम कर रहे होंगे। ईपीएफ यानी कर्मचारी भविष्य निधि या फिर पीपीएफ यानी सार्वजनिक भविष्य निधि या फिर एनपीएस यानी राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम जैसे वित्तीय साधनों में जरूरत के मुताबिक पैसों का निवेश कर रहे होंगे। 

अगर इन सब वित्तीय साधनों के अलावा किसी और साधन में निवेश की योजना बना रहे हैं तो एसआईपी यानी सिस्टैमिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, बशर्ते आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें और अच्छे प्लान में बकायदा रिसर्च करते या फिर किसी अच्छे जानकारी की मदद लेकर करें।   


आपको बता दें कि एसआईपी म्युचुअल फंड में निवेश का ही एक तरीका है। ये बैंक आरडी यानी रेकरिंग डिपॉजिट की तरह होता है जिसमें नियमित अंतराल पर जैसे कि हरेक महीने की निश्चित तारीख को एक निश्चित राशि जमा करना होता है।  जानकारों का मानना है कि लंबी अवधि में एसआईपी से बैंक आरडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है। 


>कैसे पता करें कि हर महीने कितने का एसआईपी किया जाए: 
अब आप सोच रहे होंगे कि भाई, हर महीने कितने पैसों का एसआईपी किया जाए ताकि बुढ़ापा बड़े आराम से कट जाए। हम आपको बता दें ये पता करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, आप आसानी से इसका पता कर सकते हैं। ये रहा तरीका....

-सबसे पहले मासिक घरेलू खर्च की गणना करें
-फिर महंगाई की दर इस्तेमाल करें (30 साल के लिए औसतन 8%)
-ऑनलाइन कंपाउंड इंटरेस्ट कैलकुलेटर के जरिये जब आप रिटायर
होंगे (मान लीजिए 60 साल) तब अपने मासिक खर्च की गणना करें
-अब आप सालाना रिटायरमेंट फंड की गणना करें
-रिटायरमेंट के बाद जीवन संभाव्यता ( Life Expectency)
करीब 20-25 साल होती है यानी 20-25 साल के खर्चों की गणना करनी है
-अब महंगाई दर का इस्तेमाल करते हुए ये पता करें कि आपके 61वें साल
से सालाना खर्च कितना बढ़ेगा
-सालाना इक्विटी रिटर्न 12-15% मानना सुरक्षित होगा
-अब इस सालाना इक्विटी रिटर्न का उपयोग करते हुए
 ऑनलाइन एसआईपी कैलकुलेटर से आसानी से पता
कर सकते हैं कि आपको रिटायरमेंट के बाद मासिक
खर्च के लिए हर महीने कितने पैसों का एसआईपी
करवाना होगा
-अपनी उम्र, रिस्क प्रोफाइल बगैरह को देखते हुए
एसआईपी करें
-इसी तरह हेल्थकेयर खर्च की महंगाई दर, करीब
12-15% सालाना को भी अपने रिटायरमेंट फंड
पता करने के लिए इस्तेमाल करें
-रिटायरमेंट के बाद हेल्थकेयर के खर्चों के लिए अलग से
एसआईपी शुरू कर सकते हैं।

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