फिशिंग (जालसाजी) क्या है, कैसे होते हैं इसके नमूने, इससे बचाव के उपाय

    फिशिंग इलैक्ट्रानिक संप्रेषण में विश्वसनीय उद्यम के तौर पर बहाना बनाकर यूजरनेम, पासवर्ड तथा क्रेटिड कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के प्रयास की प्रक्रिया है। वित्तीय संस्थानों, प्रसिद्ध सामाजिक वेबसाइट्स, नीलामी साइट्स, ऑनलाइन भुगतान प्रक्रियाओं अथवा आर्इटी प्रशासनिकों से अभिप्रेत होने वाले संप्रेषण सामान्यत: सामान्य जनता को फुसलाने के लिए प्रयुक्त होता है। फिशिंग साधारण रूप से र्इ-मेल अथवा तुरंत संदेश द्वारा निष्पादित होती है तथा प्राय: प्रयोगकर्ता को नकली वेबसाइट, जो वैध वेबसाइट के जैसी ही दिखती तथा महसूस होती है, पर विवरण डालने के लिए निर्देश देती है। नमूना देखने के लिए नीचे के लिंक पर जाएं....

    (Source:http://www.incometaxindia.gov.in/)
    > जानें कैसे बचेंगे जालसाजी से....
    यदि आपको आयकर विभाग के प्राधिकृत व्यक्ति का दावा करने वाले किसी व्यक्ति से र्इ-मेल प्राप्त होता है अथवा आयकर वेबसाइट पर आपको निर्देशित करने का र्इ-मेल प्राप्त होता है तो
    • -जवाब न दे
    • -किसी भी संलग्नक को न खोलें संलग्नक मे दुर्भावनापूर्ण कोड हो सकता है जो कि आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है
    • -किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. यदि आप एक संदिग्ध ई-मेल या जालसाज वेबसाइट के लिंक पर क्लिक किया तो बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड के विवरण जैसी गोपनीय जानकारी दर्ज न करें
    • -संदेश से लिंक को आपने ब्राउजर में कट और पेस्ट न करें, जालसाज असली दिखने वाले लिंक बना सकते हैं लेकिन वास्तव में इसे आपको विभिन्न वेबसाइट से भेजा जाता है
    • -एंटी वायरस सॉफ्टवेयर,  एंटी स्पायवेयर और एक फ़ायरवॉल का प्रयोग करें और उन्हें.अद्यतन रखें, कुछ जालसाजी ई मेल में सॉफ्टवेयर शामिल होता है जो आपके कंप्यूटर को नुकसान या आपके ज्ञान के बिना इंटरनेट पर अपनी गतिविधियों पर निगाह रख सकते हैं, एंटी वायरस और एंटी स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर और फ़ायरवॉल अनजाने में इस तरह के अवांछित फाइलों को स्वीकार से बचा सकता है.

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