आय के संयोजन (Clubbing of Income) के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब

क्लब्बिंग अॉफ़ इनकम पर बहुधा पूछे जाने वाले प्रश्न (Source: Income Tax Department)

  • आय के संयोजन का अर्थ क्या है?
    ​आम तौर पर, एक व्यक्ति पर कर केवल उसके द्वारा अर्जित आय के संबंध में लगाया जाता है। हालांकि, कुछ विशेष मामलों में अन्य व्यक्ति के आय को भी करदाता के कर योग्य आय में शामिल (अर्थात संयोजित) कर लिया जाता है और ऐसे एक मामले में वह उसकी आय (यदि हो तो) साथ ही साथ अन्य व्यक्ति के आय के संबंध में भी कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा। स्थिति जिसमें अन्य व्यक्ति की आय करदाता के आय में शामिल किया जाता है आय को जोड़ना कहा जाता है। जैसे, नाबालिग बच्चे की आय उसकी/उसके माता पिता की आय के साथ जोड़ दिया जाता है। धारा 60 से 64​ आय को संयोजन से संबंधित विभिन्न प्रावधान देते हैं।
  • संपत्ति के हस्तांतरण के बिना आय के हस्तांतरण के मामले में कोर्इ भी संयोजन प्रावधान मौजूद हैं?
     धारा 60​ के अनुसार, अगर एक व्यक्ति अपने स्वामित्व के एक परिसंपत्ति के स्थानान्तरण के बिना उस संपत्ति से उत्पन्न आय का हस्तांतरण करता है, तो इस तरह से स्थानांतरित एक परिसंपत्ति से पैदा आय पर अंतरणकर्ता के हाथों में कर लगाया जाता है (अर्थात आय का हस्तांतरण करने वाला व्यक्ति)।
    उदाहरण के लिए, श्री राज ने अपने स्वामित्वाधीन एक बंगले को किराए पर दिया है। बंगले का वार्षिक किराया 84,000 रुपये है। उन्होंने अपने बंगले की पूरी आय अपने दोस्त श्री कुमार को हस्तांतरित कर दी। हालांकि, उन्होंने उस बंगले का हस्तांतरण नहीं किया। इस स्थिति में, 84,000 रुपये के किराये पर कर श्री राज के हाथों में लगाया जाएगा।
  • एक प्रतिसंहरणीय स्थानांतरण के मामले में कोर्इ भी संयोजन प्रावधान मौजूद है?
    प्रतिसंहरणीय स्थानांतरण आम तौर पर एक ऐसा हस्तांतरण है जिसमें अंतरणकर्ता प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हस्तांतरित संपत्ति या संपत्ति से प्राप्त आय पर अधिकार/नियंत्रण रखता है।
    धारा 61​ के अनुसार, अगर एक प्रतिसंहरणीय हस्तांतरण आयोजित किया जाता है तो संपत्ति से प्राप्त प्रतिसंहरणीय स्थानांतरण के तहत शामिल आय पर अंतरणकर्ता के हाथों में कर लगाया जाता है। ट्रस्ट के जरिये हस्तांतरण के मामले में, जो लाभार्थी के जीवन काल में प्रतिसंहरणीय नहीं है या एक ऐसा हस्तांतरण जो अंतरिती के जीवनकाल में प्रतिसंहरणीय नहीं है ऐसे हस्तांतरण के मामले में धारा 61​ के प्रावधान लागू नहीं होंगे।
  • क्या एक व्यक्ति के पति/पत्नी द्वारा प्राप्त किया गया पारिश्रमिक उसका/उसकी आय के साथ रखा जा सकता है?​
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    कुछ परिस्थितियों के तहत जैसा कि धारा 64 (1) (ii​), में दिया गया है एक व्यक्ति के पति/पत्नी द्वारा प्राप्त पारिश्रमिक (यानी, वेतन) एक प्रयोजन से जिसमें व्यक्ति की पर्याप्त रुचि रही है व्यक्ति के आय के साथ रखा जाता है। इस विषय में प्रावधान निम्नलिखित हैं:
      • प्रयोजन (*) में व्यक्ति की काफी रुचि रही है।
      • व्यक्ति के पति /पत्नी उस प्रयोजन में कार्यरत है जिसमें व्यक्ति की पर्याप्त रुचि रही है।
      • व्यक्ति के पति / पत्नी बिना किसी तकनीकी या पेशेवर ज्ञान या अनुभव के कार्यरत है (यानी, पारिश्रमिक न्यायोचित नहीं है)।
    (*) एक व्यक्ति का किसी भी प्रयोजन में, पर्याप्त रुचि है समझा जाएगा अगर ऐसा व्यक्ति अकेले या अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 20% या इससे अधिक इक्विटी शेयरों (एक कंपनी के मामले में) या लाभ का 20 प्रतिशत का हकदार है (एक कंपनी के अलावा अन्य प्रयोजन के मामले में)।
    इस उद्देश्य के लिए रिश्तेदार में पति, पत्नी, भार्इ या बहन या उस के नजदीकी लग्न या उस व्यक्ति के वंशज शामिल हैं। धारा 2 (41)
    उदाहरण क
    श्री राजा एसेम खनिज प्रा. लिमिटेड के लाभदायक 21% इक्विटी शेयर धारण करते है। श्रीमती राजा एसेम खनिज प्रा. लिमिटेड में (लेखा विभाग में) 84,000 रुपये के मासिक वेतन पर प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। श्रीमती राजा के पास लेखा के क्षेत्र में कोर्इ भी ज्ञान, अनुभव या योग्यता नहीं है। क्या श्रीमती राजा द्वारा प्राप्त किया गया पारिश्रमिक (यानी, वेतन) श्री राजा के आय के साथ जोड़ा जा सकता है?
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    इस स्थिति में, श्री राजा की एसेम खनिज प्रा. लिमिटेड में काफी रुचि है। और श्रीमती राजा को प्राप्त पारिश्रमिक न्यायोचित नहीं है (यानी, वह किसी भी तकनीकी या पेशेवर ज्ञान या अनुभव के बिना कार्यरत है), और, इसलिए, श्रीमती राजा द्वारा एसेम खनिज प्रा. लिमिटेड से प्राप्त हुआ वेतन श्री राजा की आय के साथ जोड़ दिया जाएगा और श्री राजा के हाथों में कर लगाया जाएगा।
    उदाहरण ख
    श्रीमती कुमार एसएम निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के लाभदायक 25% इक्विटी शेयर धारण करते है। श्री कुमार एक वास्तुकार हैं और वह एसएम निर्माण प्राइवेट लिमिटेड में 28,400 रुपये के मासिक वेतन पर एक साइट पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। श्री कुमार द्वारा प्राप्त हुआ पारिश्रमिक, अपने ज्ञान अनुभव और योग्यता पर न्यायोचित है। क्या श्री कुमार द्वारा प्राप्त किया गया पारिश्रमिक (यानी, वेतन) श्रीमती कुमार की आय के साथ जोड़ा जायेगा? क्योंकि उसका एस एम कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. में वस्तुगत हित है
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    इस स्थिति में, श्रीमती कुमार की एसएम निर्माण प्राइवेट लिमिटेड में काफी रुचि है। लेकिन श्री कुमार अपने ज्ञान, अनुभव और योग्यता के आधार पर प्रतिनियुक्त है और, इसलिए, श्री कुमार को एसएम निर्माण प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त हुआ वेतन का भुगतान न्यायोचित है। धारा 64 (1)(ii​)​​ का आय को संयोजन का प्रावधान केवल ऐसे मामले में लागू होता है जहाँ नियुक्ति बिना किसी तकनीकी या पेशेवर ज्ञान या अनुभव के किया गया हो। इस मामले में पति या पत्नी का पारिश्रमिक न्यायोचित है, इसलिए, श्री कुमार द्वारा प्राप्त हुआ वेतन श्रीमती कुमार की आय के साथ जोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन उसके हाथ में कर लगाया जाएगा।
  • पर्याप्त प्रतिफल के बिना पति या पत्नी को हस्तांतरित संपत्ति से आय को अंतरणकर्ता पति या पत्नी की आय के साथ जोड़ा जा सकता है? ​
    धारा 64 (1)(ii) के अनुसार अगर एक व्यक्ति (प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से) अपनी संपत्ति (गृह संपत्ति के आलावा अन्य) बिना किसी पर्याप्त प्रतिफल के अपने पति या पत्नी को हस्तांतरित करते हैं तो ऐसी संपत्ति से आय को व्यक्ति (अर्थात, अंतरणकर्ता) की आय के साथ जोड़ दिया जायेगा। पर्याप्त प्रतिफल के बिना गृह संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय भी संयोजन के प्रावधानों को आकर्षित करेगी, हालांकि, ऐसे किसी मामले में जोड़ना धारा 27​ के अनुसार किया जायेगा धारा 64 (1)(iv) के तहत नहीं। अगर प्राप्त कर्ता पति या पत्नी संपत्ति के स्वरुप को बदल देते हैं, धारा 64 (1)(iv) की संयोजन के प्रावधान तब भी लागू होंगें। कुछ स्थितियां ऐसी भी हैं जिनमें धारा 64 (1)(iv) ​के संयोजन के प्रावधान लागू नहीं होते (इन स्थितियों के लिए अगले पूछे जाने वाले प्रश्न देखें)।
    उदाहरण ग
    श्री सोहम श्यामल खनिज लिमिटेड के 8,400 डिबेंचरों को धारण करते हैं। उन्होंने इन इन डिबेंचरों को अपनी पत्नी को भेंट कर दिया। क्या डिबेंचर से प्राप्त आय श्री सोहम की आय के साथ जोड़ा जाएगा?
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    इस स्थिति में, डिबेंचर जीवनसाथी को स्थानांतरित किया जा रहा है। स्थानांतरण उपहार के माध्यम से किया गया है (अर्थात किसी भी प्रतिफल के बिना) और, इसलिए, हस्तांतरित संपत्ति से आय, अर्थात, ऐसे डिबेंचरों पर ब्याज श्री सोहम की आय के साथ जोड़ दिया जाएगा।
    उदाहरण घ
    श्री कपूर ने 8,40,000 रुपये अपनी पत्नी को भेंट किया। उक्त रकम को पत्नी ने एक कंपनी की डिबेंचर में निवेश कर दिया। क्या उपहार के पैसे से श्रीमती कपूर द्वारा खरीदे गए डिबेंचर से आय को श्री कपूर की आय के साथ जोड़ा जायेगा?
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    8,40,000 रुपये जीवनसाथी को हस्तांतरित किया गया है। रकम उपहार के माध्यम से स्थानांतरित की गयी है (अर्थात किसी भी प्रतिफल के बिना) और, इसलिए, धारा 64 (1)(iv) के प्रावधान लागू होंगे। संयोजन के प्रावधान तब भी लागू होंगे जब संपत्ति के रूप को अंतरिती-जीवनसाथी ने बदल दिया हो।
    इस मामले में हस्तांतरित परिसंपत्ति पैसा है और, बाद में, परिसंपत्ति के रूप को डिबेंचरों में बदल दिया जाता है, इसलिए, पति द्वारा उपहार में दिये गए पैसे से खरीदे गए डिबेंचर से प्राप्त आय को उसके पति की आय के साथ जोड़ दिया जायेगा। इस प्रकार, श्रीमती कपूर द्वारा डिबेंचर पर प्राप्त ब्याज की आय को श्री कपूर की आय के साथ जोड़ दिया जायेगा।
  • क्या कोर्इ ऐसी स्थिति भी है जिसमें जीवनसाथी को हस्तांतरित संपत्ति से आय के संबंध में जोड़ने के प्रावधान लागू नहीं होते?​
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    धारा 64 (1)(iv​)​ की संयोजन के प्रावधान निम्न स्थितियों में लागू नहीं होते :
      • अगर संपत्ति का हस्तांतरण पर्याप्त प्रतिफल के साथ किया गया है;
      • अगर संपत्ति का हस्तांतरण अलग रहने के समझौते के संबंध में किया गया है;
      • अगर संपत्ति का हस्तांतरण शादी से पहले किया गया है तो शादी के बाद भी आय को जोड़ा नहीं जायेगा क्योंकि संपत्ति का हस्तांतरण और आय के उपार्जन दोनों के समय पति और पत्नी का रिश्ता मौजूद होना चाहिए;
      • अगर आय के उपार्जन की तिथि पर, अंतरिती अंतरणकर्ता का जीवनसाथी नहीं है (यानी पति और पत्नी का रिश्ता मौजूद नहीं है)।
  • क्या पर्याप्त प्रतिफल के बिना बेटे की पत्नी को हस्तांतरित संपत्ति से आय को अंतरणकर्ता अर्थात, सास/ससुर की आय के साथ जोड़ा जा सकता है?​
    धारा 64(1)(iv)​ के अनुसार अगर एक व्यक्ति (प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से) अपनी संपत्ति अपने बेटे की पत्नी को पर्याप्त प्रतिफल के बिना हस्तांतरित करता है तो ऐसी परिसंपत्ति से प्राप्त आय को व्यक्ति (यानी, अंतरणकर्ता  सास / ससुर ) की आय के साथ जोड़ दिया जाएगा। संयोजन के प्रावधान तब भी लागू होंगे जब कि अंतरिती-बेटी-दामाद ने परिसंपत्ति के रूप को भले ही बदल दिया हो। अगर संपत्ति, बेटे की शादी से पहले ही स्थानांतरित की जा रही हो तो शादी के बाद भी कोर्इ आय नहीं जोड़ी जायेगी। क्योंकि सास / ससुर और बहू का सम्बन्ध परिसंपत्ति के स्थानांतरण और आय के उपार्जन दोनों समय मौजूद होना चाहिए।
    अगर आय के उपार्जन की तिथि पर, सास / ससुर और बहू का सम्बन्ध मौजूद मौजूद नहीं है, तो फिर आय संयोजन का प्रावधान लागू नहीं हो सकता।
  • क्या जीवनसाथी या बेटे की पत्नी के लाभ के लिए पर्याप्त प्रतिफल के बिना किसी भी व्यक्ति को हस्तांतरित संपत्ति से आय को अंतरणकर्ता की आय के साथ रखा जा सकता है?​
     धारा 64 (1)(vii), के अनुसार अगर एक व्यक्ति अपनी संपत्ति को पर्याप्त प्रतिफल के बिना एक व्यक्ति को या व्यक्तियों के एक संघ को अपने जीवनसाथी के तत्काल या आस्थगित लाभ के लिए (प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से) हस्तांतरित करता है तो फिर उस संपत्ति से उत्पन्न होने वाली आय अंतरणकर्ता की आय के साथ जोड़ दिया जायेगा।
    धारा 64 (1)(vii​i)​, के अनुसार अगर एक व्यक्ति अपनी संपत्ति को पर्याप्त प्रतिफल के बिना एक व्यक्ति को या व्यक्तियों के एक संघ को अपने बेटे की पत्नी के तत्काल या आस्थगित लाभ के लिए (प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से) हस्तांतरित करता है तो फिर उस संपत्ति से उत्पन्न होने वाली आय अंतरणकर्ता की आय के साथ जोड़ दिया जायेगा।
  • क्या नाबालिग बच्चे की आय माता पिता की आय के साथ जोड़ दी जायेगी?​
    धारा 64 (1क) के अनुसार, नाबालिग बच्चे की आय उसकी/उसके माता पिता (*) की आय के साथ जोड़ दिया जाता है। नाबालिग बच्चे की शारीरिक श्रम के खाते में, या उसकी/उसके कौशल, ज्ञान, प्रतिभा के उपयोग को शामिल करती किसी भी गतिविधि अनुभव, आदि से प्राप्त आय उसकी/उसके माता पिता की आय के साथ नहीं जोड़ी जाएगी। हालांकि, ऐसी आय से संचय को ऐसे नाबालिग के माता पिता की आय के साथ जोड़ दी जायेगी।
    नाबालिग की आय उसके माता पिता की आय में से जिसकी आय (नाबालिग की आय) के बिना अधिक हो उसकी आय के साथ जोड़ दी जायेगी।
    अगर माता-पिता की शादी बरकरार नहीं है तो नाबालिग की आय उसके माता पिता में से उसके साथ जोड़ी जायेगी जो नाबालिग की देखभाल करता होगा।
    नाबालिग बच्चे की आय सहित एक व्यक्ति के आय के मामले में ऐसे व्यक्ति धारा 10 (32) के तहत 1500 रुपये की या नाबालिग की उसकी आय में जोड़ी गयी आय इनमें से जो भी कम है के छूट का दावा कर सकते हैं।
    (*) धारा 80प के तहत निर्दिष्ट किसी विकलांगता से पीड़ित एक नाबालिग बच्चे की आय पर धारा 64 (1क) के प्रावधान लागू नहीं होंगे। दूसरे शब्दों में खंड 80प के तहत निर्दिष्ट विकलांगता से पीड़ित एक नाबालिग की आय उसकी/उसके माता पिता की आय के साथ नहीं जोड़ी जाएगी।
    उदाहरण च
    श्री राजा के दो नाबालिग बच्चे है, अर्थात., मास्टर क और मास्टर ख। मास्टर क एक बाल कलाकार है और मास्टर ख धारा 80प​ के तहत निर्दिष्ट रोगों से पीड़ित है। ए और बी की आय निम्नानुसार हैं:
      • मंच शो से क की आय : 1,00,000 रुपये।
      • बैंक ब्याज से क की आय: 6000 रुपये।
      • बैंक ब्याज से ख की आय: 1,20,000 रुपये।
  • क्या नाबालिग बच्चों की आय उनके माता-पिता की आय के साथ जोड़ी जायेगी (श्रीमती राजा की कोर्इ आय नहीं हो रही है)?​
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    धारा 64 (1क) के अनुसार, नाबालिग बच्चों की आय उनके माता पिता में से जिनकी आय (नाबालिग की आय को छोड़कर) अधिक है उसके साथ जोड़ दी जाती है। इस मामले में, श्रीमती राजा को कोर्इ आय नहीं हो रही है और, इसलिए, कोर्इ भी आय यदि जोड़ी जा रही है तो वह श्री राजा की आय के साथ जाड़ी जायेगी।
    शारीरिक श्रम के खाते पर अर्जित नाबालिग बच्चे की आय या नाबालिग बच्चे की कौशल, ज्ञान, प्रतिभा, अनुभव, आदि, से आय उसकी/उसके माता पिता की आय के साथ नहीं जोड़ी जायेगी। इस प्रकार, स्टेज शो से क की आय को श्री राजा की आय के साथ नहीं जोड़ा जायेगा लेकिन बैंक ब्याज से 6000 रुपये की आय को श्री राजा की आय के साथ जोड़ दिया जायेगा।
    धारा 80प के तहत निर्दिष्ट विकलांगता से पीड़ित एक नाबालिग की आय उसकी/उसके माता पिता के आय के साथ नहीं जोड़ी जाएगी। इसलिए, ख की कोर्इ भी आय श्री राजा की आय के साथ नहीं जोड़ी जायेगी।
    करदाता धारा 10 (32) के तहत छूट का दावा कर सकते हैं। इस प्रकार, श्री राजा की आय में जोड़ी गयी ब्याज आय के संबंध में 6000 रुपये की आय पर वह धारा 10 (32)​ के तहत 1500 रुपये की छूट का दावा करने के हकदार होंगे। इसलिए, जोडी गयी शुद्ध आय 4500 रुपए हो जाएगी (यानी 6,000 रुपये - 1500 रुपये)।
  • क्या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को इसके सदस्य द्वारा संपत्ति के हस्तांतरण के मामले में कोर्इ भी जोड़ने का प्रावधान लागू होता है? ​
    धारा 64 (2)​ के अनुसार, जब एक व्यक्ति, जो एचयूएफ का सदस्य हो एचयूएफ को पर्याप्त प्रतिफल के बिना अपनी संपत्ति का हस्तांतरण करता है या एचयूएफ से संबंधित संपत्ति में अपनी संपत्ति को रूपांतरित करता है (यह संयुक्त परिवार की संपत्ति के चरित्र के साथ ऐसी संपत्ति को मिलाने या परिवार के सामान्य शेयर में ऐसी संपत्ति डालने से किया जाता है), फिर संपत्ति को संयोजन के प्रावधान निम्नानुसार लागू होगा:
    एचयूएफ के विभाजन से पहले, ऐसी संपत्ति से पूरी आय अंतरणकर्ता की आय के साथ जोड़ दी जायेगी।
    एचयूएफ के विभाजन के बाद, ऐसी संपत्ति परिवार के सदस्यों के बीच वितरित की जाती है। ऐसे एक मामले में अंतरणकर्ता के जीवनसाथी द्वारा ऐसी संपत्ति से प्राप्त आय को व्यक्ति की आय के साथ जोड़ दी जायेगी और उसके हाथ में कर लगाया जाएगा।

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