अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश ने सालाना 7.2 प्रतिशत की दर से विकास किया: सरकार

राष्ट्रीय आय के द्वितीय अग्रिम अनुमान, 2017-18 और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर), 2017-18 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमान
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने वित्‍त वर्ष 2017-18 के लिए स्थिर मूल्‍यों (2011-12) और वर्तमान मूल्‍यों दोनों पर ही राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान जारी किए हैं। स्थिर मूल्‍यों (2011-12) और वर्तमान मूल्‍यों दोनों पर ही 2017-18 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमान भी जारी किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 32.50 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जो वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में 30.32 लाख करोड़ रुपये था। यह 7.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाता है। स्थिर मूल्यों पर वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दरें क्रमशः 5.7 तथा 6.5 प्रतिशत रही हैं।
स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर वर्ष 2017-18 के लिए जीडीपी वृद्धि दर और वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही, दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दरों का उल्लेख नीचे किया गया हैः-

जीडीपी वृद्धि दर (प्रतिशत में)

स्थिर मूल्य  (2011-12)
वर्तमान मूल्य
वार्षिक 2017-18 (द्वितीय अनुमान)
6.6
9.8
पहली तिमाही 2017-18(अप्रैल-जून)
5.7
9.2
दूसरी तिमाही 2017-18(जुलाई-सितंबर)
6.5
10.0
तीसरी तिमाही 2017-18(अक्टूबर-दिसंबर)
7.2
11.9

राष्ट्रीय आय के द्वितीय अग्रिम अनुमान, 2017-18
स्थिर मूल्यों (2011-12) पर अनुमान
सकल घरेलू उत्पाद
वित्त वर्ष 2017-18 में स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बढ़कर 130.04 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी के प्रथम संशोधित अनुमान में 121.96 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जिसे 31 जनवरी, 2018 को जारी किया गया था। वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी।
बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए)
बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीवीए अर्थात जीवीए के वर्ष 2016-17 के 112.48 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 119.64 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में बुनियादी मूल्यों पर वास्तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि यह वर्ष 2016-17 में 7.1 प्रतिशत आंकी गई थी।
जिन क्षेत्रों (सेक्टर) द्वारा 7 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज किए जाने का अनुमान हैं  उनमें ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’, ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएं’, ‘बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगिता सेवाएं’ और ‘वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं’ शामिल हैं। ‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’, ‘खनन एवं उत्खनन’, ‘विनिर्माण’ और ‘निर्माण’ क्षेत्रों की वृद्धि दर क्रमशः 3.0, 3.0, 5.1 तथा 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
प्रति व्यक्ति आय
वर्ष 2017-18 के दौरान सही अर्थों में (2011-12 मूल्यों पर) प्रति व्यक्ति आय के बढ़कर 86,689 रुपये हो जाने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2016-17 में यह 82,229 रुपये थी।
वर्तमान मूल्यों पर अनुमान
सकल घरेलू उत्पाद
वर्ष 2017-18 में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी के बढ़कर 167.52 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 152.54 लाख करोड़ रुपये थी। इस तरह यह 9.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाती है।
राष्ट्रीय आय
वर्ष 2017-18 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 148.40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 134.93 लाख करोड़ रुपये थी। यह 11.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
प्रति व्यक्ति आय
 वर्ष 2017-18 के दौरान प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय के बढ़कर 1,12,764 रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 1,03,870 रुपये थी। यह 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। 
(Source: pib.nic.in)

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