अप्रैल में थोक महंगाई (WPI) चार महीने में सबसे अधिक, महंगे पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों ने रुलाया

अप्रैल महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर (WPI) पेट्रोल, डीजल के साथ-साथ फल व सब्जियां महंगी होने की वजह से बढ़कर 3.18 % रही। थोक महंगाई का यह चार माह का उच्चतम स्तर है। दिसंबर में थोक महंगाई 3.58 % रही थी, जिसके बाद से ही इसमें गिरावट का दौर जारी था।  
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई मार्च महीने में 2.47 %, जबकि बीते साल अप्रैल महीने में 3.85 %रही थी। केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2018 में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 0.87 % रही, जबकि पिछले महीने इसमें 0.29 % की गिरावट देखी गई थी। 

सब्जी सस्ती, फल महंगे अप्रैल महीने में सब्जियों की थोक कीमतों में 0.89 %की गिरावट देखी गई, जबकि पिछले महीने यह आंकड़ा 2.70 % था। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतें बढ़ने से आलोच्य महीने में ईंधन तथा बिजली की थोक कीमतों में 7.85 %की तेजी दर्ज की गई, जो मार्च में 4.70 % थी। फलों की थोक कीमतों में बढ़ोतरी दहाई आंकड़े  में 19.47 % पर पहुंच गई, जो पिछले महीने में 9.26 % थी।

फरवरी माह में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के आंकड़े को ऊपर की तरफ संशोधित कर 2.74 % किया गया, जबकि पहले का अनुमान 2.48 % था। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इस तिमाही की बाकी अवधि में  थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई बढ़ने की उम्मीद है। 

(सौ. अमर उजाला)
((CPI से कैसे अलग है WPI महंगाई दर

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