साइबर करेंसी बिटकॉइन का रुतबा बढ़ा, शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू

साइबर करेंसी, आभासी मुद्रा, ऑनलाइन मुद्रा,डिजिटल करेंसी, वर्चुअल मुद्रा जैसे नामों से जाना जाने वाला बिटकॉइन कानूनी मान्यता पाने की दिशा में और एक कदम आगे बढ़ा है।
रुपया, डॉलर,यूरो, येन, फ्रैंक, पाउंड जैसे करेंसी की तरह बिटकॉइन का कोई फिजीकल रूप नहीं है, बल्कि ये डिजिटल करेंसी है जिसे कुछ समय पहले जापान का एक कम्प्यूटर एक्सपर्ट ने तैयार किया था। इसे तैयार करने के पीछे एक खास उद्देश्य था कि ये किसी सरकार या केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में ये ना रहे।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू-
बिटकॉइन के इतिहास में सोमवार यानी 18 मई मील का पत्थर साबित हुआ। इसी दिन नैस्डेक के स्टॉकहोम शेयर बाजार में बिटकॉइन लिस्ट  हुआ और दूसरे स्टॉक या करेंसी की तरह ट्रेडिंग शुरू हुई। ये स्टॉक Bitcoin Tracker One (BTO) नाम से लिस्ट हुआ है।
BTO  को एक्सचेंज ट्रेडेड नोट की तरह तैयार किया गया है ताकि  इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इन्वेस्टर्स ट्रांसपैरेंट और पूरी तरह से रेगुलेटेड बाजार में इसकी खरीद-बिक्री कर सकें। काफी तैयारी के बाद बिटकॉइन को शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतारा गया है।
यही नहीं, न्यूयॉर्क के फाइनेंशियल सर्विसेस डिपार्टमेंट ने स्टार्ट अप बिटकॉइन एक्सचेंज itBit की भी मंजूरी दी है।
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं जिसका इस्तेमाल बिना सरकार द्वारा जारी करेंसी के सामान या सेवा खरीदने-बेचने के लिए किया जाता है। ये ऑनलाइन भुगतान का जरिया है जिसे डिजिटल  या गुप्त करेंसी
का नाम भी दिया गया है। इसके लिए कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं है। लोग कठिन गणना और गुप्त कोडिंग के जरिए खुद अपनी मुद्रा जमा करते और फिर खर्च करते हैं।
इसे जापान में सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने 2009 में लॉन्च किया था। इसे पूरी तरह से कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान के लिए शुरू किया गया है।
बिटकॉइन शेयर्स कौन खरीद सकता है-
इसे कोई भी खरीद सकता है। लेकिन इसे नैस्डेक स्टॉकहोम एक्सचेंज से रजिस्टर्ड बैंक या ब्रोकर्स के जरिये ही खरीदा जा सकता है।

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