OMG! हम भारतीय वित्तीय साक्षरता में इतने फिसड्डी हैं !

केवल 24 % भारतीय वयस्क फाइनेंशियली लिट्रेट: S&P रेटिंग
भाई साहब, आप कितने वित्तीय साक्षर हैं? 

हर महीने जारी होने वाले महंगाई के आंकड़ों और उसके असर को हम भारतीय बखूबी समझते हैं, लेकिन बात जब बेसिक फाइनेंशियल कॉन्सेप्ट मसलन, गणना (numeracy), जोखिम विविधीकरण (risk diversification) और चक्रवृद्धि ब्याज (बचत और कर्ज)( compound interest (saving and debt)की आती है, तो इसकी समझ रखने के मामले में हम काफी फिसड्डी हैं। एक सर्वे में ये बात सामने निकलकर आई है।

वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स रेटिंग सर्विस ने एक सर्वे के मुताबिक, करीब 76% वयस्क भारतीयों को बेसिक फाइनेंशियल कॉन्सेप्ट मसलन, गणना (numeracy), जोखिम विविधीकरण (risk diversification) और चक्रवृद्धि ब्याज (बचत और कर्ज)( compound interest (saving and debt) की समझ नहीं है। यानी केवल 24 % भारतीय वयस्क फाइनेंशियल लिट्रेट हैं। यह फाइनेंशियल लिट्रेसी के वैश्विक औसत से कम है, लेकिन दूसरे ब्रिक्स देशों और दक्षिण एशियाई देशों के समकक्ष है।

सर्वे के दौरान 140 देशों के डेढ़ लाख वयस्कों से बेसिक फाइनेंशियल कॉन्सेप्ट मसलन, गणना (numeracy), जोखिम विविधीकरण (risk diversification) और चक्रवृद्धि ब्याज (बचत और कर्ज)( compound interest (saving and debt) के संबंध में सवाल पूछे गए थे।

सर्वे के मुताबिक, एशिया में सबसे ज्यादा फाइनेंशियली लिट्रेट वयस्क सिंगापुर में (59%), उसके बाद हांगकांग और जापान (दोनों जगह 43%), जबकि चीन में ऐसे वयस्कों की संख्या कुल स्थानीय जनसंख्या का 28% है।

इंफ्लेशन पर पूछे गए सवाल के बारे में 56% वयस्क भारतीयों ने सही जवाब दिए, जबकि वैश्वक स्तर पर इसका औसत 50% है और भारत को छोड़कर दक्षिण एशिया में 46%। बात अगर ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज की समझ की करें तो इस पर पूछे गए सवाल के क्रमश: 48% और 44% भारतीयों का जवाब सही निकला, जबकि इस बारे में एशियाई देशों का औसत क्रमश: 46% और 39% रहा। रिस्क डायवर्सिफिकेशन पर पूछे गए सवालों का केवल 14% वयस्क भारतीयों ने सही जवाब दिया, जबकि इस मामले में दक्षिण एशियाई देशों का औसत  18% और वैश्विक औसत 35% रहा।

फाइनेंशियल लिट्रेट के मामले में आमदनी की भी अहम भूमिका है। इस सर्वे के मुताबिक, भारत में 60% अमीर घरों के 26% लोग फाइनेंशियल लिट्रेट हैं, जबकि 40% सबसे गरीब घरों के महज 20% ही फाइनेंशियल लिट्रेट हैं। वैश्विक स्तर पर ये औसत क्रमश: 36% और 27% है।

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