ये दिसंबर तिमाही को कुछ Q2, कुछ Q3 तो कुछ Q4 क्यों बताते हैं ?

एक मेरे मित्र हैं। शेयर बाजार में वो काफी सक्रिय रहते हैं। शेयर बाजार और कंपनियों से जुडी़ खबरों पर उनकी पैनी नजर रहती है। वैसे तो उनको कारोबारी खबर समझने में कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन एक बात को लेकर वो हमेशा उलझन में पड़ जाते हैं और वो तिमाही।

अब देखिए ना, अभी वित्त वर्ष 2015-16 की दिसंबर तिमाही के नतीजों का सीजन है। ऐसे में कुछ कंपनियां अपने नतीजे को Q2 यानी दूसरी तिमाही, तो कुछ Q3 यानी तीसरी तिमाही और कुछ  Q4 यानी चौथी तिमाही के नतीजे बताती हैं। आखिर, क्या है ये माजरा। शायद आप भी इसको लेकर पशोपेश में पड़ जाते होंगे। तो चलिए हम इस उलझन को दूर किए देते हैं।

साल के 12 महीने होते हैं जनवरी से दिसंबर तक। आमतौर पर इसे कैलेंडर साल ( CY) माना जाता है। दूसरा होता है वित्त वर्ष या फाइनेंशियल ईयर ( FY)। कैलेंडर साल भले ही जनवरी से दिसंबर तक की अवधि को माना जाता है लेकिन फाइनेंशियल ईयर के मामले में ये अवधि अलग-अलग कंपनियों और देश के लिए अलग-अलग हो सकती है। मसलन, कुछ देश और कंपनियों के लिए कैलेंडर साल की ही तरह फाइनेंशियल ईयर भी जनवरी से दिसंबर तक की अवधि होती है। जैसे चीन। ऐसे में पहली तिमाही या Q1 जनवरी से मार्च, जिसे मार्च तिमाही भी कहते हैं, होती है। उसी तरह दूसरी तिमाही या Q2 अप्रैल से जून, जो जून तिमाही भी कहलाती है, जबकि  तीसरी तिमाही यानी Q3 जुलाई से सितंबर, जो सितंबर तिमाही भी कहलाती है और चौथी तिमाही यानी Q4 अक्टूबर से दिसंबर, जो दिसंबर तिमाही भी कहलाती है, होती है। चीन की ज्यादातर कंपनियां भी कैलेंडर साल को ही फाइनेंशियल साल मानती हैं। चीन के अलावा  फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, रूस, अर्जेन्टीना, ब्राजील जैसे देशों का वित्तीय वर्ष भी 1 जनवरी से 31  दिसंबर का होता है। |

लेकिन, भारत में वित्तीय वर्ष की अवधि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की होती है। और ज्यादातर भारतीय कंपनियां भी वित्तीय वर्ष के तौर पर इसी अवधि को अनुसरण करती हैं। इस मामले में तिमाही कैलेंडर साल के मुकाबले अलग होती है।

पहली तिमाही -Q1-अप्रैल-जून: जून तिमाही
दूसरी तिमाही-Q2-जुलाई-सितंबर: सितंबर तिमाही
तीसरी तिमाही -Q3-अक्टूबर-दिसंबर: दिसंबर तिमाही
चौथी तिमाही -Q4-जनवरी-मार्च: मार्च तिमाही

भारत की तरह जापान, इराक, यूके, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, डेनमार्क और कनाडा जैसे देशों का  वित्तीय वर्ष भी 1 अप्रैल से 31 मार्च का होता है। और इसी लिए यहां की ज्यादातर कंपनियों के लिए भी वित्तीय वर्ष यही होता है।

अमेरिका समेत नार्वे,स्वीडन,इटली जैसे देशों का वित्तीय वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक की अवधि को माना जाता है। इस मामले में तिमाहियों का नामकरण बदल जाएगा।
पहली तिमाही -Q1-अक्टूबर-दिसंबर: दिसंबर तिमाही
दूसरी तिमाही-Q2-जनवरी-मार्च: मार्च तिमाही
तीसरी तिमाही -Q3-अप्रैल-जून: जून तिमाही
चौथी तिमाही -Q4-जुलाई-सितंबर: सितंबर तिमाही

अगर जुलाई से जून की अवधि को वित्तीय वर्ष माना जाए तो तिमाहियों को फिर अलग नाम से जाना जाएगा।
पहली तिमाही -Q1-जुलाई-सितंबर: सितंबर तिमाही
दूसरी तिमाही-Q2-अक्टूबर-दिसंबर: दिसंबर तिमाही
तीसरी तिमाही -Q3-जनवरी-मार्च: मार्च तिमाही
चौथी तिमाही -Q4- अप्रैल-जून: जून तिमाही

उम्मीद है तिमाहियों को लेकर आपकी उलझन दूर हो गई होगी और ये भी जान गए होंगे कि दिसंबर तिमाही को कुछ Q2 तो कुछ Q3 और कुछ  Q4 क्यों बताते हैं।

FY का स्त्रोत:  https://en.wikipedia.org/wiki/Fiscal_year#Chart_of_various_fiscal_years

((शेयर बाजार के निवेशकों के लिए कंपनियों के नतीजे के मायने -भाग-1
कंपनियों के नतीजे को सिर्फ आंकड़ा ना समझें निवेशक-भाग-1
http://beyourmoneymanager.blogspot.com/2015/11/1_11.html

((शेयर बाजार के निवेशकों के लिए कंपनियों के नतीजे के मायने -भाग-2
कंपनियों के नतीजे को सिर्फ आंकड़ा ना समझें निवेशक-भाग-2
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/11/2_11.html

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