आय घोषणा योजना 2016 (IDS 2016) के बारे में जो आप जानना चाहते हैं...

आय घोषणा योजना 2016 - सरकार ने अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) के छठे सेट के रूप में स्पष्टीकरण जारी किए
आय घोषणा योजना, 2016 (योजना) विगत में अपने करों का पूरा भुगतान न करने वाले लोगों को यह अवसर प्रदान करती हैं कि वे आगे आएं और अपनी अघोषित आय और संपत्ति की घोषणा करें। यह योजना 01/06/2016 से लागू हो गई जो 30/09/2016 तक इस बारे में घोषणाएं करने के लिए खुली है। इस योजना के तहत भुगतान की जाने वाली राशि का किस्तों में भुगतान किया जा सकता है अर्थात् कुल भुगतान की जाने वाली राशि के 25 प्रतिशत का 30/11/2016 तक और अन्य 25 प्रतिशत का 31/03/2017 तक तथा बकाया 50 प्रतिशत का 30/09/2017 तक भुगतान किया जा सकता है।

इस योजना के संबंध में हितधारकों की चिंताओं को दूर करने तथा इस योजना के प्रावधानों से संबंधित प्रश्नों को स्पष्ट करने के लिए, समय-समय पर नियमों को संशोधित किया गया है और परिपत्रों (एफएक्यू) का छठा सेट जारी किया गया है। निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को नियमों और एफएक्यू के माध्यम से निम्नानुसार दूर किया गया है-

• वैध घोषणा के संबंध में जानकारी गोपनीय है जिसे किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा और न ही इसकी आयकर विभाग द्वारा जांच की जाएगी।

• इस योजना के तहत घोषित परिसंपत्तियों की कीमत का आकलन अधिग्रहण की लागत या पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता द्वारा 01/06/2016 को यथा निर्धारित उचित बाजार मूल्य, जो भी अधिक हो, के अनुसार किया जाएगा। हालांकि, अधिग्रहण के स्टांप शूल्क मूल्य के आधार पर पंजीकृत अचल संपत्ति का मूल्यांकन लागत मुद्रास्फीति सूंचकांक के आधार पर समायोजन करने का विकल्प भी उपलब्ध होगा।

• अघोषित आय पर किए गए अघोषित टीडीएस के लिए क्रेडिट की भी अनुमति दी जाएगी।

• बेनामीदार से घोषिणा करने वाले को घोषित बेनामी संपत्ति के हस्तांतरण पर न तो कोई पूंजीगत लाभ और न ही कोई टीडीएस लगाया जाएगा।

• ऑडिट की गई बैलेंस शीट में दर्ज फर्जी देनदारियों की राशि की जो किसी परिसंपत्ति की खरीददारी से जुड़ी नहीं है, इस योजना में घोषणा की जा सकती है।

• घोषित पंजीकृत अचल संपत्ति की होल्डिंग अवधि की गणना पंजीकरण की वास्तविक तिथि के आधार पर की जाएगी।

• घोषणा करने वाले व्यक्ति द्वारा किसी पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता से प्राप्त मूल्यांकन रिपोर्ट के बारे में विभाग द्वारा कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। हालांकि इस बारे में मूल्यांकनकर्ता की जवाबदेही रहेगी।

• इस योजना के तहत घोषणा करने के फलस्वरूप जमा की गई नकद राशि के संबंध में केवल सूचना के आधार पर एफआईयू द्वारा या आयकर विभाग द्वारा कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी

• इस योजना के अधीन घोषणा की गई अघोषित आय या परिसंपत्तियों के संबंध में कोई पूछताछ या जांच नहीं की जाएगी, चाहे खोज या सर्वेक्षण कार्यवाही के दौरान इसके कोई सबूत ही क्यों न मिलें (परिपत्र संख्या 32 दिनांक 01/09/2016)।

इसके अलावा, परिपत्र संख्या 31 दिनांक 30/08/2016 के द्वारा घोषणाकर्ता इस योजना के तहत डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा आयकर आयुक्त, केंद्रीकृत प्रोसेसिंग सेंटर, बेंगलुरू [सीआईटी (सीपीसी)] के यहां इलेक्ट्रॉनिक रूप से घोषणा दायर कर सकते हैं। अगर घोषणा करने वाला कथित विकल्प को अपनाता है तो उसकी घोषणा को आयकर अधिनियम के अधीन क्षेत्राधिकार प्रमुख आयुक्त/आयुक्त के साथ साझा नहीं किया जाएगा।

Source: pib.nic.in

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