जुलाई-सितंबर जीडीपी@7.3%

2016-17 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्‍बर) के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के अनुमान

2016-17 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने स्थिर मूल्‍यों (2011-12) और वर्तमान मूल्‍यों पर वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितम्‍बर) के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के अनुमान जारी कर दिये हैं।
वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी संबंधी अनुमानों का ब्‍यौरा नीचे दिया गया है :
आर्थिक गतिविधि के लिहाज से जीवीए के अनुमान

स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर
वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीडीपी 29.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में यह 27.62 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस तरह इसमें 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर बुनियादी मूल्‍य आधारित तिमाही सकल मूल्‍य वर्द्धित (जीवीए) के 27.33 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 25.52 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह इसमें पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 7.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी आंकी गई है।
वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान जिन आर्थिक गति‍विधियों में वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही की तुलना में 7.0 प्रतिशत से ज्‍यादा की वृद्धि दर्ज की गई है, उनमें सार्वजनिक प्रशासन,रक्षा एवं अन्‍य सेवायें’, वित्‍तीय, बीमा, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवायें’, विनिर्माण’, व्‍यापार,होटल एवं परिवहन और संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवायें शामिल हैं। कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’, खनन एवं उत्‍खनन’, बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं और निर्माण क्षेत्रों की वृद्धि दर इस दौरान क्रमश: 3.3, (-) 1.5, 3.5 और 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

वर्तमान मूल्‍यों पर
वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान केन्‍द्रीय उत्‍पाद शुल्‍क, सीमा शुल्‍क एवं सेवा कर के संग्रह की वृद्धि दर क्रमश: 40.7, (-) 5.2 एवं 19.2 प्रतिशत दर्ज की गई। वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी 36.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है,जबकि वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में यह 32.49 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस तरह इसमें 12.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान वर्तमान मूल्‍यों पर बुनियादी मूल्‍य आधारित जीवीए के 33.42 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही के दौरान यह 30.02 लाख करोड़ रुपये रही थी। इस तरह इसमें 11.3 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है।

Source: pib.nic.in

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