आम बजट 2017-18: अब 2.5-5 लाख की सालाना करयोग्य आमदनी पर 10% के बजाय 5% टैक्स देना पड़ेगा

वित्‍त मंत्री ने 2.5 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की व्‍यक्तिगत आय पर टैक्‍स दर को 10 से घटाकर 5 प्रतिशत किया

वित्‍त मंत्री ने इस आय स्‍लैब वाले सभी नागरिकों से 5 प्रतिशत कर की छोटी सी अदायगी करते हुए राष्‍ट्र निर्माण में भागीदार बनने की अपील की

व्‍यावसायिक आय से इतर 5 लाख रुपये तक की कर योग्‍य आय वाले करदाताओं के लिए सिर्फ एक पृष्‍ठ का आयकर रिटर्न फॉर्म
केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने 2.5 लाख रुपये और लाख रुपये के बीच की आय वाले व्‍यक्तिगत करदाताओं के लिए कराधान की मौजूदा दर को मौजूदा10 प्रतिशत से घटाकर प्रतिशत कर दिया है। इसके परिणामस्‍वरूप लाख रुपये से कम आय वाले सभी करदाताओं की कर देनदारी घटकर शून्‍य (छूट सहितहो जाएगी या उनकी मौजूदा देनदारी का 50 प्रतिशत रह जाएगी।
केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि कराधान का वर्तमान बोझ मुख्‍यतईमानदार करदाताओं और वेतनभोगी कर्मचारियों पर हैजो अपनी आय को सही रूप में दर्शाते हैं। अतविमुद्रीकरण के पश्‍चात इस वर्ग के लोगों की यह आशा जायज है कि उनके कराधान के बोझ को कम किया जाए। वित्‍त मंत्री ने यह भी कहा कि यदि निम्‍न आय स्‍लैब के लिए टैक्‍स की दर को सामान्‍य रखा जाता हैतो बड़ी संख्‍या में लोग कर दायरे में आएंगे। उन्‍होंने भारत के सभी नागरिकों से यह अपील की कि  यदि उनकी आय 2.5 लाख रुपये से लेकर 5लाख रुपये तक के सबसे निचले स्‍लैब के अंतर्गत आती है तो वे प्रतिशत कर की छोटी सी अदायगी करते हुए राष्‍ट्र निर्माण में भागीदार बनें।
केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार कर के दायरे में ऐसे लोगों को भी लाने का प्रयास कर रही हैजो करों की चोरी कर रहे हैं। अतकर दायरे को बढ़ाने के लिए व्‍यावसायिक आय से इतर लाख रुपये तक की कर योग्‍य आय वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न के रूप में भरे जाने हेतु सिर्फ एक पृष्‍ठ का फॉर्म पेश करने का निर्णय लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि इसके अतिरिक्‍त इस श्रेणी के किसी भी व्‍यक्तिजो प्रथम बार आयकर रिटर्न भरता हैको प्रथम वर्ष में तब तक किसी भी जांच का सामना नहीं करना पड़़ेगाजब तक कि उसके उच्‍च मूल्‍य वाले लेन-देन के बारे में विभाग के पास विशिष्‍ट सूचना उपलब्‍ध न हो।
अपने बजट भाषण में वित्‍त मंत्री ने यह भी कहा कि लाभ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभार्थियों के इस समूह को उपलब्‍ध छूट के मौजूदा लाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा हैजो 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही उपलब्‍ध है। इन दोनों उपायों का संयुक्‍त प्रभाव यह होगा कि प्रति वर्ष लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों के लिए कर देनदारी शून्‍य होगी और लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों के लिए कर देनदारी मात्र 2500 रुपये होगी। चूंकि लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं की कर देनदारी घटाकर आधी की जा रही हैअतबाद के स्‍लैबों में आने वाले करदाताओं की सभी अन्‍य श्रेणियों को भी प्रति व्‍यक्ति 12,500 रुपये का एक समान लाभ मिलेगा। इस उपाय के फलस्‍वरूप सरकार द्वारा परित्‍यक्‍त की जा रही कुल कर राशि 15,500 करोड़ रुपये बनती है।
आपका आमदमी अगर ₹2,50,000 है तो इनकम टैक्स नहीं देना होगा। अगर आपकी इनकम ₹2,50,000-₹5,0,000 है तो आपको 5 प्रतिशत इनकम टैक्स के अलावा आप पर लगे इनकम टैक्स का 2 प्रतिशत एजुकेशन सेस के तौर पर जबकि 1 प्रतिशत सेकंडरी और हायर एजुकेशन सेस के रूप में चुकाना होगा। हालांकि, इस इनकम टैक्स स्लैब वालों को ₹2500 की अतिरिक्त छूट की भी सुविधा है। लेकिन, ₹3.5 लाख तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही यह उपलब्‍ध है।  

Net income range     Income-tax rates       Education Cess Secondary and higher Edu.Cess

1-Up to ₹2,50,000          Nil                     Nil                    Nil2-₹2,50,000-₹5,00,000   5% of(Total Income-    2% of Income Tax       1% of Income Tax                              ₹2,50,000 ) 
3-₹5,00,000-₹10,00,000 ₹12,500+20% of(Total Income-    2% of Income Tax       1% of Income Tax                              ₹5,00,000 ) 4-Above ₹10,00,000    ₹1,12,500+30% of(Total Income-    2% of Income Tax       1% of Income Tax                              ₹10,00,000 )    


-सरचार्ज: नेट इनकम ₹50,00,000-₹1 करोड़ रहने पर इनकम टैक्स रकम का 10 % और नेट इनकम ₹1 करोड़ से अधिक रहने पर इनकम टैक्स रकम 
का 15%

  इस राहत के कारण होने वाली राजस्‍व हानि के कुछ भाग की प्रतिपूर्ति के लिए उन करदाताओं पर देय कर का 10 प्रतिशत अधिभार (सरचार्जके रूप में लगाने का प्रस्‍ताव किया गया हैजिनकी वार्षिक कर योग्‍य आय 50 लाख रुपये से लेकर करोड़ रुपये तक है। इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त राजस्‍व प्राप्‍त होने की संभावना है।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि रियायतों से संबंधित प्रत्‍यक्ष कर प्रस्‍तावोंइत्‍यादि के परिणामस्‍वरूप 22,700 करोड़ रुपये का राजस्‍व नुकसान होगा। हालांकिअतिरिक्‍त संसाधन जुटाने वाले प्रस्‍ताव से 2700 करोड़ रुपये की राजस्‍व प्राप्ति को ध्‍यान में रखने पर प्रत्‍यक्ष कर में शुद्ध राजस्‍व नुकसान घटकर 20,000 करोड़ रुपये के स्‍तर पर आ जाएगा।
(Source: pib.nic.in)

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