सोने का गहना...कैश में अब इतने रु. से अधिक का मत लेना...वरना पड़ेगा रोना, क्योंकि...

कैश में अगर सोना खरीदने जा रहे हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है। सरकार  कैश लेन-देन को हतोत्साहित करने और सोने की जमाखोरी पर नकेल कसने के लिए एक अप्रैल 2017 से नए नियम लागू कर रही है। जी हां...एक अप्रैल से कैश में दो लाख रुपये से अधिक के गहने खरीदने पर कुल रकम का 1 प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह- tax collected at source) देना होगा। अभी तक इसकी सीमा 5 लाख  रुपये थी। यानी कैश में गहने खरीदने पर अब आपको ज्यादा कीमत देनी होगी। 

वित्त विधेयक 2017 पारित होने के बाद गहने भी सामान्य वस्तुओं की श्रेणी में आ जाएंगे जिन पर दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर एक प्रतिशत टीसीएस देना होता है।  

वित्त विधेयक, 2017 कहता है, ‘‘मौजूदा प्रावधान गहनों की पांच लाख रुपये से अधिक की कैश बिक्री पर एक प्रतिशत स्रोत पर कर काटने का है। कैश लेन-देन पर अंकुश के मद्देनजर इसे समाप्त करने का प्रस्ताव है।’’ वित्त विधेयक 2017 में प्रस्तावित संशोधन के बाद कैश में पांच लाख रुपये से ज्यादा के गहनों की खरीद टीसीएस के दायरे से बाहर हो जाएगी और इसे अब ‘अन्य वस्तुओं’ के रूप में वगीकृत किया जाएगा और दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस काटा जाएगा.

सोनाऔर ज्वैलरी पर टीसीएस का नियम 1 जुलाई 2012 से लागू है। बुलियन के रूप में सोना (बिस्किट, बार) खरीदने पर दो लाख रुपए से ज्यादा कैश पर 1% टीसीएस लगता है। ज्वैलरी के लिए यह सीमा 5 लाख रुपए है। 2016-17 के बजट में वस्तुओं और सेवाओं की दो लाख रु. से ज्यादा की कैश खरीद पर 1% लगा दिया गया था। इसमें ज्वैलरी को भी शामिल किया गया था। लेकिन ज्वैलर्स की करीब डेढ़ महीने की हड़ताल के बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया और ज्वैलरी पर 5 लाख की सीमा बरकरार रही। 

बता दें कि बजट में 3 लाख रुपए से अधिक कैश लेनदेन पर  भी रोक लगाने का प्रावधान है। नियम तोड़ने पर कैश लेने वाले को पूरी रकम पर 100% जुर्माना लगेगा। यानी जितना कैश लिया, उतना ही जुर्माना देना पड़ेगा। 

>जानिए इस नए नियम से आप पर कितना असर होगा?
मान लिया आपने एक बार में कैश में 3 लाख रु. के गहने खरीदना है, तो अब तक आपको इसके लिए तीन लाख रुपए ही चुकाने होते हैं लेकिन एक अप्रैल के बाद जब नया नियम लागू होगा, तो आपको देना है ( 3 लाख+3 लाख का 1%) यानी ( 3 लाख+3,000) मतलब, तीन हजार रुपए ज्यादा। जबकि पहले 5 लाख रुपए तक गहने कैश में बिना कोई टीसीएस दिए खरीद सकते थे।


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