Results for "सहारा"
सहारा के निवेशक 45 दिनों में अपना फंसा पैसा वापस कैसे पाएं?

 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय पंजीयक - सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in का शुभारंभ किया


पोर्टल को सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों - सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड - के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ निवेशकों का घोटाले में फंसा पैसा वापस मिलना शुरू हो रहा है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है

आज करोड़ों लोगों को अपने पसीने की गाढ़ी कमाई के पैसे वापस मिलने की शुरूआत हो रही है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, उसके बाद इस मामले में पहल करते हुए सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार कर ऐसी व्यवस्था बनाने के प्रयास हुए जिसमें छोटे निवेशकों के बारे में सोचा जा सके

पारदर्शी तरीके से आज निवेशकों को 5,000 करोड़ रूपए की राशि लौटाने की शुरूआत हो रही है

इस प्रक्रिया में ऐसे सभी प्रावधान किए गए हैं जिससे कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी और किसी भी प्रामाणिक निवेशक के साथ अन्याय की गुंजाइश ना हो

पोर्टल को सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है

जमाकर्ताओं के दावों और अपलोड किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ऑनलाइन दावे पेश करने के 45 दिनों के अंदर राशि सीधे जमाकर्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांस्फर कर दी जाएगी


केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में केन्द्रीय पंजीयक - सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in का शुभारंभ किया। इस पोर्टल को सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों - सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है। इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा, उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री आर. सुभाष रेड्डी और सचिव, सहकारिता मंत्रालय, श्री ज्ञानेश कुमार सहित सहारा समूह की चारों सहकारी समितियों के जमाकर्ता भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम का महत्व इस दृष्टि से है कि जिन लोगों की गाढ़ी कमाई इन 4 सहकारी समितियों में फंसी है, उनके प्रति किसी का ध्यान नहीं गया। ऐसे मामलों में अक्सर मल्टी-ऐजेंसी सीज़र हो जाता है क्योंकि कोई ऐजेंसी निवेशक के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने कहा कि इसके कारण कोऑपरेटिव सोसाटीज़ के प्रति बहुत बड़ी असुरक्षा और अविश्वास की भावना पैदा हो जाती है। श्री शाह ने कहा कि देश के करोड़ों लोगों के पास पूंजी नहीं है लेकिन वे देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं, इसके लिए कोऑपरेटिव आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं है और इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता ही एकमात्र आंदोलन है जिसमें छोटी-छोटी पूंजी को मिलाकर बड़ी पूंजी का निर्माण कर बड़े काम किए जा सकते हैं।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई बार घपले-घोटाले के आरोप लगते हैं और जो लोग इनमें निवेश करते हैं, उनकी पूंजी फंस जाती है, जैसे सहारा का उदाहरण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि कई सालों तक सुप्रीम कोर्ट में केस चला, ऐजेंसियों ने इनकी संपत्तियां और खाते सील कर दिए, और, ऐसा होने पर कोऑपरेटिव सोसायटीज़ की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और उसके बाद इस मामले में पहल करते हुए सभी स्टेकहोल्डर्स को बिठाकर बात की गई। उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार किया गया कि क्या कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है जिसमें सभी लोग अपने दावों से ऊपर उठकर छोटे निवेशकों के बारे में सोचें। श्री शाह ने कहा कि सभी ऐजेंसियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन कर उनके निर्देशन में पारदर्शी तरीके से भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो। उन्होंने कहा कि ट्रायल बेसिस पर पारदर्शी तरीके से आज निवेशकों को 5,000 करोड़ रूपए की राशि लौटाने की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि जब 5,000 करोड़ रूपए का भुगतान हो जाएगा तब बाकी बचे निवेशकों की राशि लौटाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज लॉंच हुए पोर्टल के माध्यम से पहले निवेशकों को, जिनकी जमाराशि 10,000 रूपए या इससे अधिक है उसमें से 10,000 रूपए तक की राशि का, भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर आवेदन करने के लिए चारों समितियों का पूरा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में ऐसे सभी प्रावधान किए गए हैं जिससे कहीं भी किसी प्रकार की गड़बड़ी और किसी भी प्रामाणिक निवेशक के साथ अन्याय की गुंजाइश ना हो।

श्री अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने निवेश नहीं किया है, उन्हें किसी भी तरह से यहां से रिफंड नहीं मिल सकता और जिन्होंने निवेश किया है, उन्हें रिफंड मिलने से कोई रोक नहीं सकता। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने निर्देश दिए कि आवेदन भरने के लिए Common Service Centre (CSC) की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी निवेशकों से अनुरोध किया कि वे CSC के माध्यम से अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराएं। श्री शाह ने कहा कि इस प्रक्रिया में दो प्रमुख शर्तें हैं- पहली, निवेशक का आधार कार्ड उसके मोबाइल के साथ लिंक्ड हो, और, आधार कार्ड उसके आपके बैंक अकाउंट के साथ लिंक्ड हो। उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि 45 दिनों में पैसा उनके बैंक अकाउंट में जमा हो जाएगा।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज एक बहुत बड़ी शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ निवेशकों का घोटाले में फंसा पैसा वापस मिलना शुरू हो रहा है, ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि आज करोड़ों लोगों को अपने पसीने की गाढ़ी कमाई के पैसे वापस मिलने की शुरूआत हो रही है। श्री शाह ने कहा कि लगभग 1.78 करोड़ ऐसे छोटे निवेशकों, जिनका 30000 रूपए तक का पैसा फंसा है, को अपना पैसा वापस मिलेगा, ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

माननीय उच्चतम न्यायालय ने 29 मार्च, 2023 के अपने आदेश में निर्देश दिया था कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं के वैध बकाए के भुगतान के लिए "सहारा-सेबी रिफंड खाते" से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केन्द्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाएं। भुगतान की पूरी प्रक्रिया की निगरानी और इसका पर्यवेक्षण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी कर रहे हैं जिसमें उनकी सहायता के लिए वकील श्री गौरव अग्रवाल (Amicus Curiae) को नियुक्त किया गया है। इन चारों समितियों से संबंधित रिफंड प्रक्रिया में सहायता के लिए 4 वरिष्ठ अधिकारियों को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (Officers on Special Duty) के रूप में नियुक्त किया गया है।

भुगतान की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलैस है और दावे प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया पोर्टल यूज़र फ्रेंडली, कुशल और पारदर्शी है। केवल प्रामाणिक जमाकर्ताओं की वैध राशि लौटाने को सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल में ज़रूरी प्रावधान किए गए हैं। पोर्टल को सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। इन समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र को ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ अपलोड कर अपने दावे प्रस्तुत करने होंगे। उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए जमाकर्ताओं का आधार कार्ड के ज़रिए सत्यापन किया जाएगा। उनके दावों और अपलोड किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए नियुक्त सोसायटी, ऑडिटर्स, और OSDs द्वारा सत्यापन के बाद उपलब्धता के अनुसार धनराशि, जमाकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन दावे पेश करने के 45 दिनों के अंदर सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांस्फर कर दी जाएगी और उन्हें SMS/पोर्टल के माध्यम से इसकी सूचना दे दी जाएगी। समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं को ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता है।

(साभार: pib)

('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities - Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi)

Rajanish Kant बुधवार, 19 जुलाई 2023
Sahara Refund Portal: पैसा रिफंड के लिए पोर्टल शुरू, दावा कहां, कब, कैसे...
CRCS-Sahara Refund Portal Launched: Link, Claim Process, Who will benefit – All Details सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों में पैसे लगाने वाले 10 करोड़ लोगों के लिए अच्छी खबरह है। पूरी खबर जानने के लिए इस एपिसोड को शुरू से लेकर अंत तक देखें।



('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'

((शेयर बाजार: जब तक सीखेंगे नहीं, तबतक पैसे बनेंगे नहीं! 





Plz Follow Me on: 

-Videos on IPO, share market: -Videos on Mutual Fund -Insurance हर किसी के लिए क्यों जरूरी पर Video -Videos on FD/RD,Bank,Post office -Videos on Home Loan, Home -Videos on PF, Pension Scheme, Retirement Fund -Videos on Children & Women's Fin. Planning -Videos on Savings, Investment, Fin.Literacy, Fin.Planning -Income Tax & How to save Tax पर Video -Video on Gold & Silver Investment; सोना और चांदी में निवेश पर वीडियो -Videos on Bitcoin, Cryptocurrency investment -Video on Commodities - Money, investment, savings in Marathi (beyourmoneymanagerMarathi)

    

Rajanish Kant मंगलवार, 18 जुलाई 2023
सहारा के 13 हजार से ज्यादा निवेशकों के पैसे वापस मिले-सेबी
क्या आपने भी सहारा की किसी कंपनी में पैसा लगाया था, तो अपना खाता देख लीजिए, हो सकता है आपके पैसे वापस मिल गए हों। दरअसल शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि  31 मार्च 2019 तक 13,543 आवेदकों के 38,143 खातों में कुल 106.10 करोड़ रुपए रिफंड किए गए हैं। इस दौरान सेबी को 53,233 खातों के संबंध में 19,547 आवेदन मिले। 

2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की संपत्ति का जब्ती आदेश दिया था जिसके बाद कोर्ट के अलग-अलग दिशा-निर्देश के बाद सहारा से कुल 15,438 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। सेबी ने इसकी जानकारी दी है। 

रेगुलेटर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 31 मार्च 2019 तक 20173 करोड़ रुपए (निवेशकों को देने के लिए वसूली की गई रकम और उसपर मिले ब्याज) राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराए जाने थे। 

बाजार नियामक सेबी को सहारा समूह के निवेशकों की ओर से धन वापसी के 20,000 से कम दावे प्राप्त हुए है और नियामक ने अभी उसमें से दो तिहाई दावेदारों को कुल 106.10 करोड़ रुपये की वापसी की है। गौरतलब है कि सहारा समूह द्वारा करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाई गयी गयी अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये की राशि की वसूली और वापसी के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में शुरू की गयी प्रक्रिया के छह साल से अधिक हो चुके हैं। 

सहारा समूह का कहना है कि इतने कम दावों का आना उसकी इस बात की पुष्टि करता है कि वह अपने 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को वह पहले ही सीधे धनवापसी कर चुका है। उसका कहना है कि उसने सेबी के पास जो पैसा जमा कराया है वह एक तरह से ‘दोहरा भुगतान है।’’ 

सहारा का कहना है कि सेबी के पास ‘निष्क्रिय’ पड़ी उसकी पूंजी उसे लौटायी जानी चाहिए ताकि वह उसका उपयोग अपने कारोबार के विस्तार और नयी नौकरियों के सृजन में कर सके। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सहारा समूह की दो कंपनियों के 13,543 बांडधारकों ने धन वापसी के दावे पेश किए है। इन्हें सेबी ने 56.86 करोड़ रुपये मूलधन और 49.24 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर भुगतान किया है। सेबी ने इस धन वापसी के लिए अलग से एक विशेष खाता खोला है जिसमें सहारा समूह से धन जमा करने के लिए कहा गया था। हालांकि समूह यह दावा करता रहा है कि उसने 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों का धन सीधे वापस कर दिया है। 

सेबी ने कहा कि उसने सहारा समूह से अब तक कुल 15,438 करोड़ रुपये की वसूली की है। ऐसा उसने 2013 में नियामक के कई कुर्की आदेशों और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के आधार पर किया है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार 31 मार्च 2019 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में 20,173 करोड़ रुपये जमा कराए जाने थे। इस राशि में दावों के निपटान के बाद बचा सहारा से वसूल हुआ धन और उस पर मिला ब्याज शामिल था। अपनी वार्षिक रपट में सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2019 तक उसे 19,547 आवेदन प्राप्त हुए जो 53,233 खातों से जुड़े हैं। इसमें 38,143 खातों से संबद्ध 13,543 दावों को धन वापसी की गयी। 

इसके अलावा कुल 17.3 करोड़ रुपये के दावे के 4,000 से अधिक मामले सेबी के लंबित हैं। इसी तरह 71.6 लाख रुपये के 254 मामले सहारा के पास और 3.84 करोड़ रुपये से अधिक के 1,000 मामले निवेशकों की तरफ लंबित हैं। कुल 131 आवेदनों को विवादित घोषित किया गया है। इनका कुल मूल्य 50 लाख रुपये से कम है जबकि 1.57 करोड़ रुपये के 542 आवेदन बंद कर दिए गए क्योंकि इन मामलों में निवेशकों ने नोटिस के जवाब नहीं दिए। सेबी ने सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को 2011 में निवेशकों से जुटाया गया धन वापस लौटाने का आदेश दिया था। 

बाद में कई दौर की अपीलों पर उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त 2012 को अपने निर्णय में सेबी के आदेश को सही करार दिया। न्यायालय ने समूह की इन दो कंपनियों के निवेशकों को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ धन लौटाने का आदेश दिया है। निवेशकों ने इन दोनों कंपनियों में वैकल्पिक पूर्णतया हस्तांतरणीय बांड के माध्यम से निवेश किया था। पीटीआई-भाषा के सवालों का जवाब देते हुए सहारा समूह के वकील गौतम अवस्थी ने कहा कि सेबी की वार्षिक रपट उसकी दो कंपनियों में निवेश करने वाले करीब तीन करोड़ बांडधारकों में से 95 प्रतिशत को पहले ही धन वापसी की बात की पुष्टि करती है। 

उन्होंने कहा कि यह दोहरे भुगतान का मामला है क्योंकि वह निवेशकों को भुगतान पहले ही कर चुकी है और उतनी ही राशि उसने सेबी के पास जमा करायी है। हमारा सेबी से अनुरोध रहा है कि वह जमीन पर इसका सत्यापन करे जो उसने अभी तक शुरू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सहारा ने जो रुपया सेबी के पास जमा कराया वह बिना उपयोग किए हुए पड़ा है। उसे यह पैसा वापस चाहिए ताकि वह कारोबार विस्तार कर सके। यह कंपनी, देश की आर्थिक वृद्धि के हितों के खिलाफ है।


(('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'


Plz Follow Me on: 

Rajanish Kant मंगलवार, 3 सितंबर 2019
सहारा म्युचुअल फंड को कारोबार बंद करने के मामले में राहत



एसएटी यानी Securities Appellate Tribunal ने सहारा म्युचुअल फंड के कारोबार को बंद करने के सेबी का आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा म्युचुअल फंड को इस साल 27 अगस्त तक अपना कारोबार समेटने और सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन वापस करने के निर्देश दिए थे। सेबी ने कंपनी को 21 अप्रैल तक सहारा टैक्स गेन फंड को छोड़कर सभी स्कीमों को बंद करने के लिए कहा था। सहारा टैक्स गेन फंड को कंपनी 27 जुलाई तक जारी रख सकती है, लेकिन इस दौरान कोई नया निवेश नहीं लेने का भी आदेश दिया था। 
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हालांकि सहारा टैक्स गेन फंड को 27 अगस्त तक पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया था। साथ ही सहारा म्युचुअल फंड के ट्रस्टी, रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट M/S Karvy Computer Share Private Limited से सहारा टैक्स गेन फंड के सभी निवेशकों के  कॉन्टैक्ट और बैंक डीटेल्स अपडेट रखने को कहा गया था ताकि फंड के पैसे वापस करने में किसी तरह की देरी ना हो। इसके अलावा ट्रस्टी को अप्रैल से कारोबार बंद होने तक हर महीने रिडेम्पशन का स्टैटस अपडेट देना पड़ेगा।
>सहारा म्युचुअल फंड की इक्विटी स्कीम्स:
-Sahara Tax Gain (ELSS)
-Sahara Growth Fund
-Sahara Wealth Plus Fund
-Sahara Infrastructure Fund
-Sahara Midcap Fund
-Sahara Banking & Financial Services Fund
-Sahara Power & Natural Resources Fund
-Sahara R.E.A.L. Fund
-Sahara Super 20 Fund
-Sahara Star Value Fund

>सहारा म्युचुअल फंड की डेट स्कीम्स:
-Sahara Income Fund
-Sahara Classic Fund
-Sahara Liquid Fund
-Sahara Interval Fund Quarterly Plan – Series 1
-Sahara Gilt Fund
-Sahara Short Term Bond Fund

>क्यों बंद करनी पड़ी सारी स्कीमें:
-सेबी-सहारा समूह के बीच लंबे समय से कानूनी लड़ाई जारी
-सेबी द्वारा समूह की दो कंपनियों को निवेशकों को ₹24 हजार
करोड़ लौटाने के आदेश के बाद कानूनी लड़ाई शुरू
-जुलार्इ 2015 में सेबी ने सहारा म्युचुअल फंड का
लाइसेंस रद्द किया
-सेबी ने कहा था कंपनी म्युचुअल फंड कारोबार
करने के लिए 'फिट' नहीं है
-सेबी ने कंपनी को अपना कारोबार दूसरे फंड
हाउस को ट्रांसफर करने के भी आदेश दिए थे
-. छह महीने की अवधि खत्म होने के बाद
सेबी ने सहारा म्यूचुअल फंड का रजिस्ट्रेशन कैंसिल
करने का निर्देश दिया था
-इससे पहले सेबी ने सहारा फर्म का पोर्टफोलियो
मैनेजमेंट लाइसेंस भी रद्द कर दिया था




Rajanish Kant शनिवार, 21 अप्रैल 2018
सहारा म्युचुअल फंड की सभी स्कीम बंद होगी, सेबी का आदेश


सहारा म्युचुअल फंड की सभी स्कीम बंद होगी, सेबी का आदेश

Rajanish Kant शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018
सहारा म्युचुअल फंड अगस्त तक अपना कारोबार समेट ले: सेबी
क्या सहारा म्युुचुअल फंड में आपने पैसा लगाया है, तो आपके लिए जरूरी खबर है। दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा म्युचुअल फंड को इस साल 27 अगस्त तक अपना कारोबार समेटने और सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन वापस करने के निर्देश दिए हैं। सेबी ने अपने ताजा आदेश में कंपनी को 21 अप्रैल तक सहारा टैक्स गेन फंड को छोड़कर सभी स्कीमों को बंद करने के लिए कहा है। सहारा टैक्स गेन फंड को कंपनी 27 जुलाई तक जारी रख सकती है, लेकिन इस दौरान कोई नया निवेश नहीं ले सकती है।

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कहा है कि सहारा टैक्स गेन फंड को 27 अगस्त तक पूरी तरह बंद कर दे। सहारा म्युचुअल फंड के ट्रस्टी, रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट M/S Karvy Computer Share Private Limited से सहारा टैक्स गेन फंड के सभी निवेशकों के  कॉन्टैक्ट और बैंक डीटेल्स अपडेट रखने को कहा गया है ताकि फंड के पैसे वापस करने में किसी तरह की देरी ना हो। साथ ही ट्रस्टी को अप्रैल से कारोबार बंद होने तक हर महीने रिडेम्पशन का स्टैटस अपडेट देना पड़ेगा। 



Rajanish Kant