Insurance Policy सरेंडर के नए नियम, जानें नफा होगा या नुकसान!
IRDAI changes regulations regarding insurance policy surrender charges
इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर चार्ज को लेकर नए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो रहे हैं। देश का इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा (IRDAI) यानी इंश्योरेस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) ने सरेंडर चार्ज से जुड़े नए नियम की जानकारी दी। इस नियम से पॉलिसीधारक को फायदा होगा या नुकसान, ये जानने के लिए इस एपिसोड को अंत तक देखें।
इंश्योरेंस क्लेम सेटलमेंट को लेकर बहुत बड़ा झंझट खत्म!
कोई भी शख्स जब इंश्योरेंस पॉलिसी (जीवन, हेल्थ या साधारण) लेता है तो उसकी सबसे चिंता क्लेम सेटलमेंट को लेकर रहती है। कितने दिनों में क्लेम सेटलमेंट होगा, इसको लेकर पॉलिसीहोल्डर काफी परेशान रहते हैं। लेकिन, इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीए ने इस परेशानी को कुछ हद तक कम करने की कोशिश की है।
रेगुलेटर ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों से पॉलिसीहोल्डर को क्लेम सेटलमेंट से जुड़ी स्थिति (स्टैटस) की नियमित जानकारी देने को कहा है। आईआरडीए ने सर्कुलर जारी कर इसे एक जुलाई 2019 से अनिवार्य किया है। रेगुलेटर का मानना है कि पॉलिसीहोल्डर को साफ-सुथरे शब्दों में और पारदर्शी तरीके से जानकारी देना इंश्योरेंस कंपनियों का कर्तव्य होना चाहिए।
इंश्योरेंस कंपनियों से क्लेम सेटलमेंट मैकेनिज्म विकसित करने के लिए कहा गया है। उन्हें पॉलिसीहोल्डर को अंग्रेजी, हिन्दी या दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में ई-मेल, मोबाइल या जैसे भी जल्द से संभव हो, क्लेम सेटलमेंट स्टैटस की जानकारी देनी होगी।
ULIP के साथ राइडर लेने पर अब ज्यादा प्रीमियम देने होंगे, पॉलिसीहोल्डर के हित में कई फैसले
इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीएई (इंशोयरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट को लेकर नए नियमों की मंजूरी दे दी है। नए नियम के तहत अब यूलिप यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट के साथ राइडर (Critical Illness Rider, Personal Accident Rider and Disability Rider) लेने पर ज्यादा प्रीमियम देने होंगे, जबकि अभी बीमा देने वाली कंपनियां यूलिप के साथ राइडर लेने पर पॉलिसीहोल्डर की यूनिट में कटौती कर देते हैं। इरडा की बोर्ड बैठक में इसके अलावा कई अन्य फैसले लिए गए।
इरडा ने इंडियाबुल्स इंटीग्रेटेड जनरल इंश्योरेंस बिजनेस को R1 यानी पहले स्तर की मंजूरी दी। आपको बता दूं कि इंश्योरेंस रेगुलेटर ने पिछले साल अक्टूबर में लिंक्ड (ULIP) और नॉन लिंक्ड लाइफ (Term, Endowment, Money Back, Whole Life Plans) से जुड़े ड्राफ्ट नियम जारी किए थे। इसके अलावा, लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर के प्रोडक्ट नियमों की समीक्षा के लिए कमिटी का भी गठन किया गया था। ड्राफ्ट रेगुलेशन की सिफारिशों को इरडा की बोर्ड बैठक में हरी झंडी दी गई।
इंश्योरेंस रेगुलेटर ने लिंक्ड पेंशन पॉलिसी के मामले में पॉलिसीहोल्डर को गंभीर बीमारी या दुर्घटना की वजह से स्थाई विकलांगता या फिर दूसरे हेल्थ प्रोब्लम की स्थिति में आंशिक निकासी की भी सुविधा दी है।
इसके अलावा, इरडा ने .एन्यूइटी पेंशन प्रोडक्ट लेने वालों के हित में बड़ा फैसला लिया है। अभी तक किसी पेंशन प्रोडक्ट की अवधि खत्म होने पर पॉलिसीहोल्डर को उसी बीमा कंपनी से एन्युइटी खरीदना अनिवार्य था, लेकिन नए नियम के तहत अब नई बीमा कंपनी से भी एन्युइटी खरीद सकते हैं।
नए नियम के मुताबिक, सभी उम्र वालों के लिए रेगुलर प्रीमियम प्रोडक्ट में प्रीमियम का सात गुना मिनिमम डेथ बेनेफिट दिया जाएगा, जबकि सिंगल प्रीमियम प्रोडक्ट के मामले में 1.25 गुना डेथ बेनेफिट मिलेगा। (('बिना प्रोफेशनल ट्रेनिंग के शेयर बाजार जरूर जुआ है'
Note: Compiled on the basis of data submitted by the Insurance companies
# 1.The Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI), vide letter dated August 14, 2017 has given final approval in respect of merger of HDFC Ergo General Insurance Co. Ltd. with HDFC General Insurance Ltd. ( formerly Known as L&T General Insurance Co.Ltd.). The merged entity is known as HDFC ERGO General Insurance Co.Ltd. 2.Figures for Previous Year pertain to HDFC ERGO and HDFC General Insurance Ltd. (Formerly known as L & T General Insurance Com. Ltd.)
**commenced operations in NOVEMBER 2017
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