तो,18 सितंबर को रघुराम राजन घटाएंगे ब्याज ?

वैसे तो रिजर्व बैंक की अगली पॉलिसी बैठक 29 सितंबर को है लेकिन उन्होंने इससे पहले भी ब्याज दर घटाने का इशारा दे चुके हैं, बशर्ते मैक्रोइकोनॉमिक डाटा ब्याज घटाने के अनुकूल हो।
((अगली पॉलिसी बैठक से पहले घटेगा ब्याज !
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रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को महंगाई, आईआईपी, पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़े, कोर इंडस्ट्रीज ग्रोथ के अलावा जिस एक बैठक का इंतजार है वो है अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक, जो कि 16 और 17 सितंबर को होने वाली है। जानकारों की नजर इस बैठक पर लगी हुई है। ब्याज दर बढ़ाने को लेकर इस
बैठक से कुछ संकेत मिलने की उम्मीद है।

अपने यहां 17 सितंबर की देर रात को फेड की बैठक ने क्या फैसला लिया, इस बारे में जानकारी मिल पाएगी, तो हो सकता  है, 18 सितंबर को मार्केट खुलने से पहले राजन एक बार फिर लोगों को चौंका दें। इस साल अब तक रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में तीन बार चौथाई-चौथाई परसेंट की कटौती कर चुका है जिसमें से दो बार पॉलिसी बैठक से बाहर फैसला लिया गया।

राजन को जिन दूसरे आंकड़ों का इंतजार है मसलन, ताजा सीपीआई, आईआईपी, डब्लूपीआई, जीडीपी, कोर इंडस्ट्री का ग्रोथ बगैरह के आंकड़े भी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले जारी हो जाएंगे। तब तक खरीफ फसलों की बुआई का भी स्पष्ट आंकड़ा मिल जाने की उम्मीद है जो कि महंगाई बढ़ने या घटने की भविष्यवाणी
के लिए मददगार साबित होगा।  तब तक चीन की करंसी युआन के अवमूल्यन से करंसी बाजार में मचे हाहाकार के बाद कुछ स्थिरता की उम्मीद है। HSBC ने अपनी ताजा रिपोर्ट में अगले महीने ब्याज दर में चौथाई
परसेंट कटौती की उम्मीद जताई है।

-इस साल जून में IIP यानी घरेलू औद्योगिक उत्पादन पिछले साल जून के मुकाबले 3.8% की दर से विकास किया। वहीं इस साल अप्रैल-जून  तिमाही में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन विकास 3.2% ज्यादा रहा।
((ग्रोथ के मोर्चे पर अच्छी खबर, जून IIP नंबर में सुधार
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-इस साल जुलाई में खुदरा महंगाई 3.78% की दर से बढ़ी है जबकि इस साल जून में ये 5.40% की दर से और पिछले  साल जुलाई में 7.39% की दर से बढ़ी थी। इस दौरान खुदरा खाद्य महंगाई दर यानी CFPI (कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स) पर आधारित महंगाई दर में भी कमी आई है।
((महंगाई के मोर्चे पर राहत, जुलाई में खुदरा महंगाई दर घटी 
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-जुलाई में थोक महंगाई दर में 4.05% की गिरावट दर्ज की। इस दौरान खाने की चीजों की कीमत जरूर कम हुई है लेकिन दूध और  दाल की कीमतों में बढ़ोतरी अभी चिंता की वजह है।
((दूध और दाल महंगे हुए लेकिन जुलाई में थोक महंगाई घटी 
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-अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का रुख बना हुआ है। अमेरिकी क्रूड तो 40 डॉलर प्रति बैरल के नीचे का स्तर भी छू चुका है। यानी आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल और सस्ते होने की उम्मीद है।

-31 अगस्त को जून तिमाही के GDP आंकड़े जारी किए जाएंगे।
((अप्रैल-जून तिमाही के GDP आंकड़े 28 के बदले 31 अगस्त को 
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/08/gdp-28-31.html ))

-सरकार का दबाव: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर सरकार और इंडस्ट्री की तरफ से ब्याज दर घटाने का जबर्दस्त दबाव है।  -युआन का अवमूल्यन-दुनिया की दूसरी बडी़ इकोनॉमी चीन द्वारा एक्सपोर्ट कमी आने के बाद अपनी करंसी युआन के अवमूल्यन के बाद भारतीय करंसी रुपए समेत कई देशों की करंसी में डॉलर के मुकाबले गिरावट देखी जा रही है। रुपया तो डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर दो साल के निचले स्तर 66 रुपए के स्तर पर जा चुका है। खुद रिजर्व बैंक गवर्नर करंसी वार की आशंका जता चुके हैं।
((युआन के अवमूल्यन से दुनिया में खलबली, भारत के लिए इसके मायने
http://beyourmoneymanager.blogspot.in/2015/08/blog-post_98.html))

-बैंकों द्वारा ब्याज नहीं घटाना: रघुराम राजन के बार-बार फटकार के बावजूद बैंक ब्याज दर में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। बैंक हमेशा कॉस्ट ऑफ फंडिंग का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक की बातों का अनसुना कर देते हैं। रिजर्व बैंक इस साल अब तक ब्याज दर में 0.75% की कटौती कर चुका है लेकिन बैंक अब तक 0.30% ही घटा पाए हैं।

-जहां तक खरीफ फसलों की बुआई की बात है तो 21 अगस्त देशभर में बारिश औसत में 9% कम होने के बावजूद बुआई 1% बढ़ी है। इस समय तक 89% खरीफ फसलों की बुआई पूरी हो चुकी है।
((खरीफ फसलों की बुआई 1% बढ़ी,तिलहन का रकबा घटा
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